“बलिया में पटरी दुकानदारों ने बिना जगह आवंटित किए जिला प्रशासन द्वारा बुल्डोजर से दुकानों की तोड़फोड़ के खिलाफ अनिश्चितकालीन धरना शुरू किया है। दुकानदारों ने इस कार्रवाई को बंद करने के लिए बुद्धि-शुद्धि यज्ञ भी किया और अपनी दुकानों को पुनः स्थापित करने की मांग की है।”
बलिया। जिले में पटरी दुकानदारों ने बिना उचित स्थान आवंटित किए जिला प्रशासन द्वारा उनके दुकानों पर बुल्डोजर की कार्रवाई का विरोध करते हुए चौथे दिन भी धरना जारी रखा है। दुकानदारों ने अपनी दुकानों को पुनः स्थापित करने और इस कार्रवाई को तुरंत बंद करने की मांग की है। इसके साथ ही उन्होंने अधिकारियों के सद्बुद्धि के लिए बुद्धि-शुद्धि यज्ञ और हवन-पूजन भी किया। उनका कहना है कि पिछले 60 सालों से वे अपनी दुकान चला रहे थे, लेकिन पहली बार उनकी दुकानों को बुल्डोजर से तोड़ा गया है, जो कि उनके लिए असहनीय है।
दुकानदारों ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की स्वनिधि योजना के तहत उन्हें 80-80 हजार रुपये का लोन दिया जा रहा है ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें, लेकिन जिला प्रशासन उन्हीं लाभार्थियों को बिना उचित स्थान दिए उनकी दुकानों को तोड़ रहा है। दुकानदारों का कहना है कि इस कार्रवाई से उनका जीवन और रोजी-रोटी पर संकट आ गया है।
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दुकानदारों ने यह भी कहा कि यदि उनकी जान को कोई नुकसान होता है, तो वे अपनी लाश को डीएम आवास के सामने दफन करने की धमकी दे रहे हैं ताकि डीएम की आत्मा को शांति मिले। दुकानदारों का यह आंदोलन अब तीव्र हो गया है, क्योंकि उन्हें महसूस हो रहा है कि प्रशासन उनके साथ अत्याचार कर रहा है। उनका यह भी कहना है कि बलिया संसदीय क्षेत्र को बनारस से बड़ा माना जाता है और यहां भी दुकानदारों को उचित स्थान आवंटित किया जाए, जैसा कि बनारस में ओवरब्रिज के नीचे दुकानदारों को आवंटित किया गया है।
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