बनारस। काशी विश्वनाथ मंदिर का प्रसाद अब महंगा हो गया है। मंदिर प्रशासन ने यह निर्णय लिया है कि प्रसाद का निर्माण अब गुजरात की प्रसिद्ध कंपनी अमूल करेगी। इससे पहले, स्थानीय संस्थाएं प्रसाद का निर्माण करती थीं, लेकिन अब इसे बड़ी कंपनी द्वारा तैयार किया जाएगा, जिससे इसकी कीमत बढ़ गई है।
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अमूल की संलग्नता से प्रसाद के गुणवत्ता और पैकेजिंग में सुधार की उम्मीद है। हालांकि, इसके महंगा होने से स्थानीय भक्तों और श्रद्धालुओं की चिंताएं बढ़ गई हैं। भक्तों का मानना है कि स्थानीय संसाधनों से निर्मित प्रसाद अधिक सस्ता और स्वदेशी होता था।
इस बदलाव पर भक्तों की प्रतिक्रियाएं मिश्रित हैं। कुछ भक्त इसे प्रसाद की गुणवत्ता में सुधार का अवसर मानते हैं, जबकि अन्य इसे स्थानीय संस्कृति के लिए हानिकारक समझते हैं। कई भक्तों ने मांग की है कि स्थानीय उत्पादन को प्रोत्साहित किया जाए ताकि काशी की धार्मिक पहचान बनी रहे।
मंदिर प्रशासन ने इस निर्णय को एक आवश्यक कदम बताया है, जिसमें प्रसाद की गुणवत्ता और वितरण के मानकों को बढ़ाने की आवश्यकता है। प्रशासन का कहना है कि भक्तों की संतुष्टि सर्वोपरि है, और वे इस नई व्यवस्था के माध्यम से बेहतर सेवाएं प्रदान करने का प्रयास कर रहे हैं।
काशी विश्वनाथ मंदिर का प्रसाद महंगा होना न केवल भक्तों के लिए चिंता का विषय है, बल्कि यह काशी की सांस्कृतिक पहचान पर भी सवाल उठाता है। देखना यह होगा कि यह बदलाव भक्तों को कैसे प्रभावित करता है और क्या स्थानीय उत्पादन को फिर से प्रोत्साहित किया जाएगा।