“दिवाली पर लखनऊ में आए भिखारियों की तादाद बढ़ी, कुछ भिखारी रोजाना 5,000 रुपए से ज्यादा कमा रहे हैं। महिलाएं और बच्चे भीख मांगने में शामिल। जानिए कैसे त्योहारों पर बढ़ती है इनकी कमाई।”
लखनऊ में भिखारियों की बड़ी कमाई
लखनऊ । लखनऊ में दिवाली के दौरान भिखारियों की संख्या में बढ़ोतरी देखी जा रही है। 1000 से ज्यादा भिखारी दिवाली के मौके पर शहर में भीख मांगने के लिए आसपास के जिलों से आए हैं। यह भिखारी शहर के प्रमुख बाजारों, मंदिरों, और भीड़भाड़ वाले स्थानों पर दिख रहे हैं। समाज कल्याण विभाग और डूडा के अनुसार, लखनऊ में कुल 5315 भिखारी सक्रिय हैं, जिनकी कमाई त्योहारों के दौरान 1 करोड़ रुपये तक पहुँच जाती है।
दिवाली पर भिखारियों का जमावड़ा
सर्वेक्षण के मुताबिक, कई जिलों से महिलाएं और बच्चे, जैसे कि सीतापुर, हरदोई, और रायबरेली से लखनऊ में भीख मांगने आए हैं। इन भिखारियों ने हिडन कैमरे पर खुलासा किया कि एक व्यक्ति एक दिन में लगभग 300 से अधिक लोगों से संपर्क करता है। अगर 100 लोग भी 5 रुपए दें, तो एक दिन की कमाई 500 रुपए हो जाती है। बड़े परिवार एक दिन में 5,000 रुपए तक कमा रहे हैं।
बाजारों और चौराहों पर बढ़ती भीड़
लखनऊ के मुंशी पुलिया, टेढ़ी पुलिया, पत्रकार पुरम और हजरतगंज जैसे प्रमुख स्थानों पर भिखारी अधिक संख्या में दिख रहे हैं। बाजारों में रौनक के समय उनकी कमाई भी बढ़ जाती है। भीख मांगने वाले गुटों में महिलाएं और बच्चे अधिक संख्या में दिखते हैं। इन समूहों में पुरुष अक्सर निगरानी करते हैं और भीख मांगने वालों की सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं।
त्योहारों पर बढ़ती कमाई और खर्च
लखनऊ पहुंचे भिखारियों का कहना है कि त्योहारों के दौरान उनकी कमाई काफी बढ़ जाती है। खासकर दिवाली पर, ये लोग ज्यादा भीख कमा पाते हैं। कई भिखारी परिवार पशुपालन का काम भी करते हैं और त्योहारों पर अपनी आमदनी में इजाफा करने के लिए शहरों में आते हैं।
मुख्य स्थान जहां मांगते हैं भीख –
शहर के कई प्रमुख धार्मिक स्थल जैसे कि चारबाग स्थित खम्मनपीर दरगाह, छोटा और बड़ा इमामबाड़ा, हनुमान सेतु, और मनकामेश्वर मंदिर पर भी भिखारियों की बड़ी तादाद देखने को मिलती है। इसके अलावा, हजरतगंज, बर्लिंगटन चौराहा, अमीनाबाद मार्केट, और 1090 चटोरी गली में भी भीख मांगने वाले नजर आते हैं।
बच्चों की भीख मांगने की ट्रेनिंग
बच्चों को भीख मांगने की खास ट्रेनिंग दी जाती है। कुछ बच्चे सड़क किनारे सिर नीचे रखकर लेट जाते हैं ताकि लोग उन्हें देख कर दया कर पैसा दें। कई बार यह बच्चे सड़क पर कैंडी या अन्य सामान लेकर बैठते हैं और कहते हैं कि उन्हें काम नहीं मिलेगा तो मालिक मारेंगे। इस तरीके से लोगों की सहानुभूति प्राप्त करने में सफल होते हैं।
सदर क्षेत्र में भिखारियों का ठिकाना
सदर पुल और रेलवे क्रासिंग के पास लगभग 200 भिखारी एक साथ ठहरे हुए हैं। यहां पर भीख मांगने के बाद वह आते हैं, वहीं पर कमाई का बंटवारा भी करते हैं। कई बार यहां शराब पीने के बाद झगड़े भी होते हैं।
रिपोर्ट – मनोज शुक्ल
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