मुंबई तट के पास बुधवार को एक दर्दनाक हादसा हुआ, जब भारतीय नौसेना के एक पोत और एक निजी नौका के बीच टक्कर हो गई। इस घटना में 13 लोगों की मौत हो गई, जबकि 101 लोगों को बचा लिया गया।
लाइफ जैकेट न होने से बढ़ा संकट
हादसे में बचे लोगों ने बताया कि नौका पर किसी को भी लाइफ जैकेट नहीं दी गई थी। उत्तर प्रदेश के गाजीपुर निवासी गौतम गुप्ता, जिन्होंने इस हादसे में अपनी चाची को खो दिया, ने बताया, “टक्कर के बाद हमने कई लोगों को पानी से निकाला। करीब 20-25 मिनट बाद नौसेना ने हमें बचाया, लेकिन तब तक हमने कई अपनों को खो दिया।”
कैसे हुआ हादसा?
भारतीय नौसेना के मुताबिक, यह दुर्घटना उस समय हुई जब स्पीडबोट के इंजन के परीक्षण के दौरान तकनीकी खराबी के चलते चालक नियंत्रण खो बैठा और स्पीडबोट ने निजी नौका को टक्कर मार दी।
प्राथमिकी दर्ज
मुंबई के साकीनाका निवासी नाथाराम चौधरी की शिकायत पर पुलिस ने नौसेना की स्पीडबोट के चालक के खिलाफ मामला दर्ज किया है। मामले की जांच जारी है।
पीड़ित परिवारों को आर्थिक सहायता
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मृतकों के परिवारों को 2 लाख रुपये और घायलों को 50,000 रुपये मुआवजा देने की घोषणा की। वहीं, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिवारों को 5 लाख रुपये सहायता देने का ऐलान किया है।
नौसेना ने किया राहत कार्य
नौसेना और अन्य जहाजों की मदद से जिंदा बचे लोगों को जेटी तक पहुंचाया गया और अस्पताल में भर्ती कराया गया। मृतकों में नौसेना का एक कर्मचारी और जहाज में सवार ओईएम (मूल उपकरण निर्माता) के दो लोग भी शामिल हैं।
यह हादसा सुरक्षा उपायों और समुद्र में संचालन के नियमों की अनदेखी का गंभीर उदाहरण है। घटना ने समुद्री यात्राओं के दौरान सुरक्षा उपकरणों की अनिवार्यता पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है।