“कर्नाटक के मंत्री प्रियांक खड़गे ने ED पर हमला करते हुए उसे ‘गुलाम निदेशालय’ बताया। उन्होंने आरोप लगाया कि ED की रिपोर्ट को जानबूझकर लीक किया गया ताकि अदालत पर दबाव डाला जा सके। यह कार्रवाई केंद्र सरकार के दबाव में की जा रही’
बेंगलुरु। कर्नाटक के मंत्री और कांग्रेस नेता प्रियांक खड़गे ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि ED अब “गुलाम निदेशालय” बन चुका है और भाजपा सरकार के दबाव में काम कर रहा है। खड़गे ने यह भी आरोप लगाया कि ED ने जानबूझकर मैसूर अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी (MUDA) मामले से जुड़ी रिपोर्ट को मीडिया में लीक किया ताकि अदालत पर दबाव डाला जा सके और मामला पक्षपाती हो।
MUDA घोटाले का आरोप
खड़गे ने बताया कि यह मामला 1992 में शुरू हुआ था, जब MUDA ने किसानों से जमीन ली थी और इसके बदले 50:50 स्कीम के तहत भूमि आवंटित की थी। आरोप है कि 2022 में सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती को मैसूर के पॉश इलाके में 14 साइट्स का आवंटन किया गया, जो उनकी 3.16 एकड़ जमीन की तुलना में कहीं अधिक महंगे थे।
राजनीतिक मंशा पर सवाल
खड़गे ने कहा कि यह पूरी कार्रवाई राजनीतिक मंशा से की जा रही है और केंद्र सरकार के दबाव में ED ने जांच को मीडिया में लीक किया। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने भी ED की जांच को लेकर सवाल उठाए और इसे न्यायपालिका को प्रभावित करने का प्रयास बताया।
ED का दावा और खड़गे का विरोध
ED का दावा है कि MUDA ने 1,095 साइटों को अवैध रूप से आवंटित किया, जिसमें सिद्धारमैया की पत्नी का नाम भी शामिल था। खड़गे ने इसे खारिज करते हुए कहा कि ED की कार्रवाई पूरी तरह से राजनीतिक है और इसका उद्देश्य कर्नाटक सरकार को निशाना बनाना है।
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विशेष संवाददाता – मनोज शुक्ल