“सीएम योगी आदित्यनाथ ने गोरखनाथ मंदिर में जनता दर्शन के दौरान गरीबों के इलाज के लिए सरकार की मदद का भरोसा दिया। उन्होंने अधिकारियों को आदेश दिए कि अस्पतालों से एस्टीमेट लेकर इलाज के लिए वित्तीय सहायता शीघ्र दी जाए। इसके अलावा, आयुर्वेद, योग और नाथपंथ पर आयोजित संगोष्ठी में भी महत्वपूर्ण व्याख्यान दिया।”
गोरखपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को गोरखनाथ मंदिर में आयोजित जनता दर्शन में इलाज के लिए आर्थिक मदद की घोषणा की। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि किसी भी गरीब या जरूरतमंद का इलाज पैसों के अभाव में बाधित नहीं होना चाहिए। इलाज के लिए अस्पताल की एस्टीमेट शीघ्रता से तैयार कर शासन को भेजी जाए, ताकि जरूरतमंदों को तुरंत मदद मिल सके।
सीएम योगी ने गोरखनाथ मंदिर में जनता से मुलाकात की और उनकी समस्याओं को सुना। गोरखनाथ मंदिर के महंत दिग्विजयनाथ सभागार में आयोजित इस जनता दर्शन में करीब 100 लोग पहुंचे थे। हर एक फरियादी से मुलाकात के बाद सीएम ने उनकी समस्याओं के समाधान के लिए अधिकारियों को आदेश दिए।
सीएम योगी ने कहा, “हमारी सरकार किसी भी व्यक्ति को इलाज के लिए आर्थिक मदद में कोई कमी नहीं होने देगी।” एक महिला से मुलाकात के दौरान, जब उसने पीजीआई लखनऊ में इलाज की जरूरत बताई, तो मुख्यमंत्री ने तुरंत अफसरों को निर्देश दिए कि वह एस्टीमेट लेकर इलाज के लिए वित्तीय मदद प्रदान करें।
इसके बाद, उन्होंने अधिकारियों से कहा कि जनता के साथ संवेदनशीलता से पेश आकर उनकी समस्याओं का समाधान किया जाए और किसी भी पीड़ित को संतुष्ट किए बिना कार्यवाही न की जाए। इसके अलावा, अगर किसी इलाके में ज़मीन पर कब्ज़ा किया जा रहा है या दबंगई हो रही है, तो प्रशासन को कठोर कार्रवाई करनी चाहिए।
आयुर्वेद, योग और नाथपंथ पर मुख्यमंत्री का विशेष व्याख्यान:
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय में आयोजित तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी में भी हिस्सा लिया। यहां उन्होंने भारतीय मनीषा का उल्लेख करते हुए कहा कि शरीर ही धर्म साधना का माध्यम है। आयुर्वेद, योग और नाथपंथ के अंतरसंबंधों पर विस्तार से चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, “धर्म की साधना के लिए शरीर को स्वस्थ रखना आवश्यक है, और यही कारण है कि आयुर्वेद, योग और नाथपंथ के सिद्धांतों में शरीर के स्वस्थ रहने पर ज़ोर दिया गया है।”
उन्होंने बताया कि योग में हठयोग, राजयोग, ज्ञानयोग और लययोग जैसी विशिष्ट विधियों के माध्यम से शरीर और आत्मा के बीच संतुलन बनाया जा सकता है। नाथपंथ का विशेष रूप से ध्यान और योग की शुद्धता पर जोर है। इसके साथ ही, योग के आसनों का नाम नाथ योगियों से जुड़ा हुआ है, जैसे गोरखआसन, मत्स्येंद्रआसन, और गोमुखआसन।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि योग और आयुर्वेद के माध्यम से शरीर को स्वस्थ रखना ही अष्ट सिद्धियों और नौ निधियों की प्राप्ति का मार्ग है।
सीएम योगी का संदेश:
“आधुनिक शिक्षा संस्थानों का काम केवल शिक्षा प्रदान करना नहीं, बल्कि ज्ञान के प्रति जड़ता तोड़ना और नवीनता से परिपूर्ण करना भी है। यह संगोष्ठी हमें भारतीय वैदिक संस्कृति के तत्वों से अवगत कराएगी, और ज्ञान के प्रति हमारे दृष्टिकोण को और भी समृद्ध करेगी।”
सीएम योगी की इस घोषणा और व्याख्यान ने यह स्पष्ट कर दिया कि उनकी सरकार न केवल लोगों की स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के समाधान के लिए तत्पर है, बल्कि भारतीय संस्कृति और जीवनशैली को बढ़ावा देने में भी पूरी तरह संकल्पित है।
देश-दुनिया से जुड़े राजनीतिक और सामयिक घटनाक्रम की विस्तृत और सटीक जानकारी के लिए जुड़े रहें विश्ववार्ता के साथ। ताज़ा खबरों, चुनावी बयानबाज़ी और विशेष रिपोर्ट्स के लिए हमारे साथ बने रहें।
विशेष संवाददाता – मनोज शुक्ल