शाहजहांपुर: साध्वी प्राची एक हिंदूवादी नेता हैं। उन्होंने हाल ही में एक वैवाहिक कार्यक्रम में भाग लेते हुए वक्फ बोर्ड की जमीनों को लेकर विवादित बयान दिया है। उन्होंने कहा कि वक्फ की जमीनें भारत के हिंदुओं की हैं और इन्हें पाकिस्तान के हिंदुओं को दे देनी चाहिए या फिर भारतीय सेना को सौंप देनी चाहिए।
साध्वी प्राची ने वक्फ बोर्ड कानून को समाप्त करने की मांग की और कहा, “यह कानून हिंदुओं के लिए अन्याय है। हमें इन जमीनों को वापस लेना होगा।” उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि यदि हिंदू समुदाय में बंटवारा जारी रहा, तो उनका हाल बांग्लादेश जैसा होगा। “अगर हिंदू बटेंगे, तो कटेंगे,” उन्होंने कहा।
साध्वी ने इस बात पर भी जोर दिया कि भारत में “सर तन से जुदा” जैसे नारे लग रहे हैं, जो एक गंभीर चिंता का विषय है। उन्होंने आरोप लगाया कि इस प्रकार के नारे लगाने वाले लोग देश में गृह युद्ध की तैयारी कर रहे हैं। “यह शर्म की बात है कि ऐसे नारे भारत में लग रहे हैं।
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राहुल गांधी पर साध्वी प्राची ने कटाक्ष करते हुए उन्हें “मंदबुद्धि बच्चा” करार दिया। उन्होंने कहा कि जनसंख्या नियंत्रण कानून को वर्ष 2014 में ही लागू कर दिया जाना चाहिए था, ताकि देश में संतुलन बना रहे।
साध्वी प्राची के बयान ने राजनीतिक सर्किल्स में हलचल मचा दी है और यह इस बात का संकेत है कि आगामी चुनावों में हिंदू संगठनों की राजनीति और भी तीव्र हो सकती है। उनके बयानों से स्पष्ट है कि वे अपनी पार्टी और समुदाय के समर्थन में और अधिक कठोर रुख अपनाने के लिए तैयार हैं।
साध्वी प्राची के इस बयान ने वक्फ बोर्ड और हिंदू राजनीति के बीच एक नया विवाद उत्पन्न किया है। यह देखना दिलचस्प होगा कि इस बयान का राजनीतिक परिदृश्य पर क्या असर पड़ता है और इसे किस तरह से अन्य पार्टियों द्वारा प्रतिक्रिया दी जाती है।