पीएम आवास योजना में भ्रष्टाचार के मामले में 25 आरोपितों पर धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया गया है। इन आरोपियों ने योजना के तहत अवैध तरीके से लाभ उठाने की कोशिश की थी। जांच में कई अनियमितताएँ सामने आईं हैं, जिससे योजना की पारदर्शिता पर सवाल उठ रहे हैं।
बहराइच। 2014 में केन्द्र में मोदी सरकार के आने के बाद भ्रष्टाचार रोकने हेतु सरकार ने लाभार्थी को सीधे जोड़ने हेतु आनलाइन सुविधाएं पहुंचाने का शुरू किया।
जिसमें बिचौलिए व दलाल टाइप के लोग के शोषण से जनता बच सके लेकिन एक कहावत है कि तू डाल डाल तो मैं पात पात यह मुहावरा कैसरगंज के भ्रष्टाचार आरोपी कर्मचारियों पर बिल्कुल फिट बैठ रहा।
कैसरगंज विकास खंड क्षेत्र में पीएम आवास योजना का पैसा दूसरे के खाते में भेज दिया गया जो वास्तविक रूप से पात्र नहीं थे । ग्राम पंचायत गोड़हिया नंबर तीन में गलत तरीके से 21 लोगों के खाते में पहुंच गया।
जांच में खुलासा होने पर खंड विकास अधिकारी कैसरगंज ने बृहस्पतिवार को कैसरगंज कोतवाली में तत्कालीन पंचायत सचिव, कम्प्यूटर आपरेटर, लेखाकार समेत 25 लोगों पर शासकीय धन का दुरुपयोग, धोखाधड़ी, जालसाजी, लोकसेवक द्वारा न्यासभंग, बेईमानी की धारा में मुकदमा दर्ज कराया।
जिले के कैसरगंज विकास खंड की खंड विकास अधिकारी अपर्णा ने कोतवाली में केस दर्ज कराया है। बीडीओ द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर में ग्राम पंचायत गोड़हिया नंबर तीन में वित्तीय वर्ष 2023/24 में प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत कुल 603 आवास स्वीकृत किए गए थे।
जिसमें से 21 लाभार्थियों का पैसा गलत खाते में चला गया। तत्कालीन ग्राम पंचायत सचिव गुलाब सिंह, अंकुर श्रीवास्तव, कम्प्यूटर आपरेटर नीरज कुमार, लेखाकार बृजेंद्र कुमार सरकारी धन का धोखाधड़ी कर गलत तरीके से दूसरों के खातों में रुपये भेजने के उत्तरदायी है।
वहीं सभी 21 लोग जो लाभार्थी न होने पर भी उन्होंने धनराशि गलत खाते में आहरित कर ली है। कुल 25 लोगों पर कैसरगंज कोतवाली में संबंधित धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की गई।