कानपुर में एक सनसनीखेज मामले में जहां डीएम आवास के पास गहरी साजिश के तहत एक महिला की लाश जमीन में दफना दी गई। हाई प्रोफाइल एकता गुप्ता हत्याकांड ने पूरे शहर में हड़कंप मचा दिया है।
मामला इसलिए और गंभीर हो जाता है क्योंकि लाश डीएम आवास से सटी कॉलोनी में दफनाई गई है, जहाँ इतनी सुरक्षा होती है कि परिंदा भी पर नहीं मार सकता। पुलिस के शुरुआती दावे गलत साबित होते नज़र आ रहे हैं, जिससे मामले में कई सवाल उठ रहे हैं।
ये हैं कुछ गंभीर सवाल जो जांच के घेरे में:
- इतनी सुरक्षा के बावजूद कैसे आई लाश?
डीएम आवास के पास सख्त सुरक्षा रहती है, तो आखिर कैसे कोई आठ फुट का गड्ढा खोदकर लाश को दफना सकता है? क्या किसी ने गुपचुप तरीके से इस काम को अंजाम दिया?
किसने किया डीएम आवास के मुख्य द्वार का इस्तेमाल?
डीएम आवास में प्रवेश करने के लिए केवल मुख्य द्वार का इस्तेमाल किया जा सकता है। तो सवाल यह है कि आखिर किसने इस द्वार से लाश को अंदर लाकर दफनाया?
मौके पर तैनात सिपाहियों की भूमिका संदेहास्पद?
इतनी सख्त सुरक्षा के बावजूद मौके पर तैनात सिपाहियों ने किसी को रोकने या टोकने की कोशिश क्यों नहीं की? क्या यह किसी बड़ी साजिश का हिस्सा है?
आठ फुट का गड्ढा किसने खोदा और कैसे नहीं हुआ किसी को शक?
इतना बड़ा गड्ढा खोदने में काफी समय लगता है, और डीएम आवास पर हमेशा कर्मचारियों की आवाजाही बनी रहती है। क्या इस काम को छिपाने की कोशिश की गई?
लाश दफनाने के बाद पेड़ कैसे लगाए गए और किसी को पता नहीं चला? लाश दफनाने के बाद उसके ऊपर पेड़ लगाने की बात पुलिस ने बताई है, जो सुनने में ही संदेह पैदा करती है। इतनी बड़ी साजिश की भनक वहां मौजूद किसी भी व्यक्ति को न लगे, यह कैसे संभव है? जिलाधिकारी से हुई क्या कोई पूछताछ?
परिवार की ओर से जिलाधिकारी कानपुर राकेश कुमार सिंह से पूछताछ की मांग की गई है। साथ ही, सीसीटीवी फुटेज की जांच कर छह माह पुराने डेटा को खंगालने की जरूरत जताई जा रही है ताकि एकता गुप्ता का किसी के साथ कनेक्शन सामने आ सके।
क्या जिलाधिकारी जांच में सहयोग करेंगे?
जांच की गंभीरता को देखते हुए सवाल उठ रहा है कि क्या कानपुर के डीएम पुलिस को पूरी जांच में सहयोग देंगे? यह केस कानपुर की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर रहा है।
परिवार की मांग: सीबीआई जांच हो
एकता गुप्ता का परिवार इस मामले में न्याय की गुहार लगा रहा है। उनका मानना है कि इस मामले की निष्पक्ष जांच के लिए इसे सीबीआई को सौंपा जाना चाहिए। पुलिस की भूमिका पर सवाल खड़े हो रहे हैं और पीड़ित परिवार ने सीबीआई जांच की मांग की है ताकि दोषियों को सख्त सजा मिल सके।
इंसाफ की उम्मीद
कानपुर का एकता गुप्ता हत्याकांड अब न्याय की प्रतीक्षा कर रहा है। दोषियों को चाहे कितनी भी ऊंची पहुंच हो, इंसाफ की नजरों से बचना मुश्किल है। इंसाफ में वक्त लग सकता है, लेकिन सच एक दिन सामने जरूर आएगा। परिवार का एक ही विश्वास है कि दोषियों को उनके किए की सजा जरूर मिलेगी, और एकता को इंसाफ मिलेगा।