अमेठी/लखनऊ। जन स्वास्थ्य अभियान के स्टेट कोऑर्डिनेटर रहे डॉ. चरण सिंह वर्मा के निधन से अखिल भारतीय जन विज्ञान नेटवर्क के कार्यकर्ताओं में शोक की लहर दौड़ गई है। श्रद्धांजलि देने के लिए शनिवार को गिरी इंस्टीट्यूट ऑफ डेवलपमेंट स्टडीज में एआईपीएसएन और बीजीवीएस की ओर से एक वर्चुअल स्मृति सभा का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम की मुख्य बातें:
- शोक व्यक्त करना: सभा में देशभर के कार्यकर्ताओं ने डॉ. वर्मा को याद करते हुए उनके परिवार के प्रति संवेदनाएं व्यक्त की।
- उपस्थित लोग: सभा में आर. एस. वाजपेई, प्रो. रमेश दीक्षित, आशा मिश्रा, डॉ. वंदना प्रसाद, आर. के. मिश्रा, वी. आर. रामन, तेज राम भारती, नवाबुदीन, विवेक अवस्थी, सुनीता सिंह, और अन्य ने डॉ. वर्मा के जीवन और उनके सामाजिक कार्यों पर प्रकाश डाला।
डॉ. वर्मा का योगदान:
- जन स्वास्थ्य अभियान: अभिजीत तालुकेदार ने बताया कि डॉ. वर्मा ने जन स्वास्थ्य अभियान की शुरुआत से ही इसमें सक्रिय भूमिका निभाई। वे राज्य कोर ग्रुप के संयोजक और राष्ट्रीय समूह के सदस्य रहे।
- शिक्षा और स्वास्थ्य: डॉ. वर्मा ने जेएनयू से अर्थशास्त्र में पीएचडी की और लखनऊ के महाराजा बिजली पासी महाविद्यालय में अध्यापन किया। उन्होंने 1990 के दशक में साक्षरता अभियान और ग्रामीण स्वास्थ्य में परिवर्तन लाने के लिए भी काम किया।
- सरकारी कार्यक्रमों का समन्वयन: आर. के. मिश्रा ने बताया कि डॉ. वर्मा ने यू.एन.डी.पी. के सहयोग से स्वास्थ्य की बहु-आयामी पहल कार्यक्रम का सफलतापूर्वक नेतृत्व किया।
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उनकी शख्सियत:
आर.एस. बाजपेई ने बताया कि डॉ. वर्मा एक समर्पित, उदार और सहयोगी व्यक्तित्व के मालिक थे। उनका अकादमिक और एक्टिविस्ट का मिश्रण उन्हें विशेष बनाता था।
उपसंहार:
डॉ. वर्मा का निधन 11 अक्टूबर 2024 को हुआ, और उनकी स्मृति सभा में उनके योगदान को याद करते हुए सभी ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। यह सभा उनके कार्यों की सराहना करने और उनके परिवार को समर्थन देने का एक अवसर था। उनके कार्यों और विचारों का प्रभाव जन स्वास्थ्य के क्षेत्र में सदैव जीवित रहेगा।