“दिल्ली के सराय काले खां चौक का नाम बदलकर ‘बिरसा मुंडा चौक’ रखा गया है। गृह मंत्री अमित शाह ने भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के अवसर पर यह घोषणा की।”
नई दिल्ली। दिल्ली में सराय काले खां चौक का नाम अब ‘बिरसा मुंडा चौक’ होगा। इस महत्वपूर्ण निर्णय की घोषणा गृह मंत्री अमित शाह ने भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती पर की। बिरसा मुंडा भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महान नायक और आदिवासी समुदाय के प्रेरणास्रोत रहे हैं। उनका नाम आदिवासी समुदाय और जनजातीय स्वाभिमान का प्रतीक है।
बिरसा मुंडा की विरासत का सम्मान
भगवान बिरसा मुंडा ने ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ संघर्ष में आदिवासी समुदाय को संगठित कर उनके अधिकारों की रक्षा के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उन्हें ‘धरती आबा’ के नाम से भी जाना जाता है, जो कि आदिवासी समाज में आदर और श्रद्धा का प्रतीक है। इस नए नामकरण से भगवान बिरसा मुंडा की यादों को जीवित रखा जाएगा और आने वाली पीढ़ियों के लिए उनकी प्रेरणादायक भूमिका को और मजबूती मिलेगी।
सराय काले खां चौक का नया नामकरण क्यों?
सराय काले खां चौक दिल्ली का एक प्रमुख मार्ग है, जो कई महत्वपूर्ण स्थानों से जोड़ता है। बिरसा मुंडा के सम्मान में इस चौक का नाम बदलने से दिल्ली में आदिवासी संस्कृति और इतिहास को उचित सम्मान मिलेगा। इसके साथ ही, यह नामकरण जनजातीय समुदायों के योगदान को रेखांकित करने का एक प्रयास है।
अमित शाह का बयान और सरकार की पहल
गृह मंत्री अमित शाह ने इस अवसर पर कहा कि भगवान बिरसा मुंडा का बलिदान और उनके विचार हर भारतीय के लिए प्रेरणादायक हैं। सरकार ने जनजातीय समुदाय के उत्थान के लिए कई पहल की हैं, जिसमें उनके योगदान का सम्मान और उनके इतिहास को जन-जन तक पहुँचाना भी शामिल है।
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रिपोर्ट: मनोज शुक्ल
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