महाराष्ट्र में रैली को संबोधित करते हुए गृहमंत्री अमित शाह ने विपक्ष पर हमला बोलते हुए कहा कि चाहे नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस कितनी भी कोशिश कर लें, चार पीढ़ियां भी लग जाएं तो भी आर्टिकल 370 वापस नहीं आ सकता। जानिए इस बयान के पीछे की पूरी कहानी।”
अमित शाह का बड़ा बयान: Article 370 कभी नहीं लौटेगा
महाराष्ट्र । महाराष्ट्र के शिराला में एक चुनावी सभा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक शक्तिशाली बयान देकर विपक्ष पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस पार्टी ने हाल ही में जम्मू-कश्मीर विधानसभा में आर्टिकल 370 को बहाल करने का प्रस्ताव पास किया है, जिसमें ये संकेत मिलता है कि कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा नहीं है।
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अमित शाह ने अपनी बात को और भी मजबूती से रखते हुए कहा, “मैं संभाजी महाराज की इस वीर भूमि पर खड़ा होकर कहता हूं, शरद पवार साहब, चाहे आपकी चार पीढ़ियां भी आ जाएं, तब भी हम Article 370 को वापस नहीं आने देंगे। ये मोदी सरकार का अडिग फैसला है, और इसे बदलने का किसी के पास अधिकार नहीं है।”
विपक्ष की प्रतिक्रिया:
विपक्षी दलों, खासतौर पर नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस, ने जम्मू-कश्मीर से Article 370 को हटाने के फैसले का कड़ा विरोध किया था और अब इसे बहाल करने की मांग की है। लेकिन गृह मंत्री अमित शाह ने उनके इस प्रस्ताव को खारिज करते हुए स्पष्ट कर दिया कि मोदी सरकार अपने इस निर्णय से पीछे नहीं हटेगी।
शाह का तीखा हमला विपक्ष पर
अमित शाह ने इस भाषण में विशेष रूप से कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस को निशाने पर लेते हुए कहा कि ये पार्टियां कश्मीर के मुद्दे पर केवल राजनीति कर रही हैं। उन्होंने जनता से अपील की कि वे उन पार्टियों को समर्थन दें जो राष्ट्र के प्रति समर्पित हैं और राष्ट्र की सुरक्षा एवं अखंडता को सर्वोपरि मानती हैं।
Article 370 क्या है और क्यों उठा मुद्दा?
Article 370, जो जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देता था, 5 अगस्त 2019 को केंद्र सरकार द्वारा निरस्त कर दिया गया था। इसके तहत जम्मू-कश्मीर को भारतीय संविधान में एक विशेष स्थान दिया गया था, जिसमें भारत की संसद द्वारा बनाए गए कानूनों का पूरी तरह से लागू होना कठिन था। इसे हटाने के बाद, केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को अलग-अलग केंद्र शासित प्रदेश बना दिया।
अमित शाह के बयान ने महाराष्ट्र में सियासी गर्मी बढ़ा दी है। इस बयान से एक ओर भाजपा के समर्थकों में उत्साह है, वहीं विपक्षी दलों के लिए यह एक चुनौतीपूर्ण स्थिति है। अब देखना होगा कि आने वाले चुनावों में जनता का मूड किस ओर जाता है।
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रिपोर्ट – मनोज शुक्ल