नई दिल्ली।इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों के साथ कथित छेडछाड के मुद्दे पर आज विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण राज्यसभा की बैठक कुछ देर के लिए स्थगित की गई।
सत्ताधारी दल भाजपा के पक्ष में ईवीएम में कथित छेडछाड का आरोप लगाते हुए कांग्रेस, सपा और बसपा सदस्य आसन के समक्ष आ कर सरकार के खिलाफ नारे लगाने लगे जिसकी वजह से उप सभापति पी जे कुरियन ने 11 बज कर 23 मिनट पर बैठक को साढे ग्यारह बजे तक के लिए स्थगित कर दिया। हालांकि बाद में सदन में सामान्य तरीके से कामकाज हुआ।
विपक्ष के आरोपों को नकारते हुए सरकार ने कहा कि चुनाव आयोग स्पष्ट कर चुका है कि ईवीएम से छेडछाड नहीं की जा सकती और अगर किसी को आपत्ति है तो उसे सदन का समय खराब करने के बजाय चुनाव आयोग में जाना चाहिए।
कांग्रेस और सपा सदस्यों ने नियम 267 के तहत कामकाज निलंबित कर ईवीएम के मुद्दे पर चर्चा करने के लिए चार नोटिस दिए थे। ये नोटिस क्रमश: कांग्रेस के दिग्विजय सिंह और प्रमोद तिवारी, सपा के रामगोपाल यादव तथा नरेश अग्रवाल ने दिए थे।
बसपा नेता मायावती ने सत्तारुढ दल के खिलाफ एक टिप्पणी की जिस पर सत्तापक्ष ने कडी आपत्ति जताई। संसदीय कार्य राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने उनकी टिप्पणी को हार की हताशा करार देते हुए कहा कि यह टिप्पणी देश की जनता और लोकतंत्र का अपमान है।
उप सभापति पी जे कुरियन ने मायावती की टिप्पणी कार्रवाई से निकालने का ऐलान किया। विपक्षी सदस्यों ने कहा कि संकेत जनता की ओर नहीं बल्कि भाजपा की ओर है।
नकवी ने कहा कि वर्ष 2004 और 2009 में लोकसभा चुनाव तथा बिहार, पंजाब, दिल्ली तथा अन्य राज्यों में विधानसभा चुनावों में ईवीएम का उपयोग हुआ। उन्होंने कहा कि खुद उत्तर प्रदेश में दो विधानसभा चुनावों में से एक बार बसपा और एक बार सपा जीती तथा दोनों चुनावों में ईवीएम का उपयोग हुआ था। तब कांग्रेस ने कोई आपत्ति नहीं जताई थी।
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