एडन हेजार्ड पिछले एक दशक में फ्रांस की अकादमी प्रणाली के सबसे उम्दा खिलाड़ियों में से एक हैं, लेकिन वह दिदिएर डेसचैम्प्स की टीम के विश्व कप जीतने के सपने को तोड़ सकते हैं. फीफा वर्ल्ड कप के 21वें संस्करण के पहले समीफाइनल में मंगलवार को बेल्जियम का मुकाबला फ्रांस से होगा.
फुटबॉल खेलने वाले माता-पिता की संतान बेल्जियम के ब्रेन-लि-कोम्टे में जन्मे हेजार्ड की ख्याति जल्द की पड़ोसी देशों में भी फैलने लगी और 14 साल की उम्र में ही लिली ने उन्हें अपने साथ जोड़ लिया.
हेजार्ड ने दो साल बाद लीग 1 में पेशेवर पदार्पण किया और फ्रांस फुटबॉल लीग के सबसे प्रतिभावान खिलाड़ियों में शामिल रहे. उन्होंने दो बार लीग के साल के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी का खिताब जीता और 2010 में लिली को लीग 1 और कप का दोहरा खिताब दिलाया.
चेल्सी ने 2012 में चार करोड़ 30 लाख डॉलर खर्च करके उन्हें अपने साथ जोड़ा. इंग्लैंड में छह सत्र में हेजार्ड ने दो लीग खिताब और काफी वाहवाही लूटी.
अब रूस में हेजार्ड को ऐसे खिलाड़ी के रूप में देखा जा रहा है, जो बेल्जियम की स्वर्णिम पीढ़ी का हिस्सा हैं और पहली बार देश को विश्व कप दिलाने में अहम भूमिका निभा सकता है.
विन्सेंट कोंपानी के चोट के बाद वापसी करने के बावजूद रोबर्टो मार्टिनेज ने हेजार्ड को कप्तान बरकरार रखा और क्वार्टर फाइनल में उन्होंने शानदार प्रदर्शन करते हुए टीम को ब्राजील पर जीत दिलाई.
बचपन में हेजार्ड ने फ्रांस के महान खिलाड़ी और विश्व कप 1998 चैंपियन जिनेदिन जिदान से प्रेरणा ली. अब 20 साल के बाद हेजार्ड जिदान की बराबरी करने से दो जीत दूर हैं.
हेजार्ड की राह हालांकि सेमीफाइनल में आसान नहीं होगी, क्योंकि फ्रांस के पास भी पाल पोग्बा, काइलन एमबापे और एंटोनी ग्रिजमैन जैसे दिग्गज खिलाड़ी हैं.
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