नई दिल्ली: बिहार की प्रसिद्ध लोक गायिका और ‘बिहार कोकिला’ के नाम से मशहूर शारदा सिन्हा का निधन 4 नवंबर 2024 को दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में हो गया। शारदा सिन्हा को लंबे समय से स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं थीं और उनकी तबीयत में अचानक गिरावट आई थी। 26 अक्टूबर को उनकी तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें दिल्ली एम्स में भर्ती कराया गया था, जहां पिछले कुछ दिनों से उनका इलाज चल रहा था।
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शारदा सिन्हा को 3 नवंबर को आईसीयू से प्राइवेट वार्ड में शिफ्ट किया गया था, लेकिन 4 नवंबर को उनका ऑक्सीजन लेवल काफी गिर गया, जिसके बाद उन्हें फिर से वेंटिलेटर पर रखा गया। उनके स्वास्थ्य की गंभीरता को देखते हुए उनके बेटे अंशुमान सिन्हा ने सोशल मीडिया पर लोगों से प्रार्थना करने की अपील की थी। उन्होंने कहा था, “मेरी मां वेंटिलेटर पर हैं और उनकी बहुत जरूरत है, कृपया दुआ करें।”
प्रधानमंत्री और केंद्रीय नेताओं ने जताया शोक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शारदा सिन्हा के बेटे अंशुमान सिन्हा से फोन पर बात कर उनकी मां के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह और चिराग पासवान भी शारदा सिन्हा से मिलने के लिए दिल्ली एम्स पहुंचे थे और उनके परिवार से मुलाकात की थी।
शारदा सिन्हा का योगदान और लोकप्रियता
शारदा सिन्हा का नाम भारतीय लोक संगीत की शान के रूप में लिया जाता है, विशेषकर उनके छठ पूजा गीतों के लिए। उनका गाया हुआ छठ गीत ‘पवित्र पर्व छठी मईया’ आज भी बिहार और उत्तर भारत में हर साल छठ पूजा के दौरान गाया जाता है। शारदा सिन्हा ने अपनी गायन यात्रा की शुरुआत अपने भाई की शादी के अवसर पर एक गीत गाकर की थी, और इसके बाद वे धीरे-धीरे भारतीय लोक संगीत जगत में एक प्रतिष्ठित नाम बन गईं।
संगीत में उनके योगदान को देखते हुए उन्हें 2018 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था। वे छठ पूजा के गीतों के अलावा, कई अन्य लोक गीतों और भोजपुरी भजनों के लिए भी जानी जाती थीं। उनके गीतों में लोक संस्कृति, आस्था और भावनाओं की गहरी छाप होती थी, जिससे वे लाखों दिलों में बस गईं।
हाल ही में हुए घटनाक्रम
शारदा सिन्हा का स्वास्थ्य इस साल के अंत में ज्यादा बिगड़ा। उनके पति, ब्रजकिशोर सिन्हा, का निधन 22 सितंबर 2024 को ब्रेन हेमरेज के कारण हुआ था, जिससे उनका मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य प्रभावित हुआ। इसके बाद से वे और भी ज्यादा कमजोर हो गईं और उनकी तबीयत को लेकर परिवार और फैंस में चिंता बढ़ गई थी।
नवीनतम गाना ‘दुखवा मिटाईं छठी मइया’
इस साल, छठ पूजा से ठीक पहले शारदा सिन्हा का एक नया गाना रिलीज हुआ था। इस गाने का नाम ‘दुखवा मिटाईं छठी मइया’ था, जो उनके आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर अपलोड किया गया था। गाने में छठ पूजा के महत्व और छठी मइया के प्रति श्रद्धा को खूबसूरती से दर्शाया गया था। गाने के बोल थे: “रउए आसरा हमार, सबके पुरवेली मनसा, हमरो सुनलीं पुकार,” जो शारदा सिन्हा की गायकी का एक और बेहतरीन उदाहरण था।
शारदा सिन्हा का परिवार और समर्थक
शारदा सिन्हा के निधन से उनका परिवार और उनके चाहने वाले गहरे शोक में डूब गए हैं। उनके बेटे अंशुमान सिन्हा ने मां की तबीयत के बारे में जानकारी देने के दौरान कहा था, “हमारे लिए यह एक बहुत बड़ी लड़ाई थी, लेकिन अब हम इस लड़ाई को हार गए हैं।” उनके चाहने वाले अब उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना कर रहे हैं।
लोकगायिका शारदा सिन्हा के निधन पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जताया शोक
सीएम ने दी श्रद्धांजलि
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लिखा कि प्रख्यात लोक गायिका, पद्म भूषण डॉ. शारदा सिन्हा जी का निधन अत्यंत दुःखद व संपूर्ण संगीत जगत के लिए अपूरणीय क्षति है। उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि!
शारदा जी ने लोकभाषाओं को राष्ट्रीय पटल पर दिलाया सम्मान
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उन्होंने अपने उत्कृष्ट पारंपरिक गायन के माध्यम से मैथिली, भोजपुरी सहित अनेक लोक भाषाओं और लोक संस्कृति की सेवा की तथा राष्ट्रीय पटल पर उन्हें सम्मान दिलाया।
प्रभु श्रीराम परिजनों को दुःख सहने की शक्ति प्रदान करें
सीएम योगी ने लिखा-प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि दिवंगत पुण्यात्मा को अपने श्री चरणों में स्थान तथा उनके शोकाकुल परिजनों एवं प्रशंसकों को यह अथाह दुःख सहन करने की शक्ति प्रदान करें। ॐ शांति!
शारदा सिन्हा का निधन भारतीय संगीत और लोक संस्कृति के लिए एक बड़ी क्षति है। उनके द्वारा गाए गए गीत और उनके योगदान हमेशा याद किए जाएंगे, विशेष रूप से छठ पूजा के गीत, जो हर साल लाखों लोगों की श्रद्धा का हिस्सा बने रहते हैं।