- रामचंद्र महाराज के समाधि स्थल के किये दर्शन
- शाहजहांपुर के मिश्रीपुर स्थित रामचंद्र मिशन आश्रम में स्थित है रामचंद्र महाराज बाबू जी की समाधि
शाहजहाँपुर। पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद शाहजहाँपुर पहुंचे, जहां उन्होंने मिश्रीपुर स्थित रामचंद्र आश्रम स्थित बाबूजी की समाधि के दर्शन किया। पूर्व राष्ट्रपति का हेलीकॉप्टर सुबह 10:30 बजे रिलाइंस पॉवर हाउस स्थित हैलीपेड पर उतरा जहां उनका वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने बुके देकर स्वागत किया। इसके बाद वह गाड़ी से रामचंद्र मिशन आश्रम पहुंचे, जहां उन्होंने रामचंद्र महाराज बाबूजी की समाधि स्थल पर पुष्प चढ़ाकर नमन किया। उन्होंने बाबूजी के आश्रम स्थित उनकी निवास कुटिया में जाकर बाबूजी को नमन किया। ध्यान केंद्र में भी उन्होंने कुछ समय बिताया। पूर्व राष्ट्रपति दीवान जोगराज स्थित बाबूजी के पैतृक आवास गए जहां उन्होंने बाबूजी के परिजनों से मुलाकात की। इस दौरान वित्त मंत्री सुरेश खन्ना, भाजपा महानगर अध्यक्ष शिल्पी गुप्ता, डीएम धर्मेंद्र प्रताप सिंह, एसपी राजेश यस सहित भारी संख्या में पुलिस बल मौजूद रहे।
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कौन थे रामचंद्र महाराज बाबूजी
श्रीराम चंद्र (1899-1983) जिन्हें बाबूजी के नाम से भी जाना जाता है, उत्तर भारत के उत्तर प्रदेश के जनपद शाहजहांपुर के एक योगी थे। उनका जन्म शाहजहांपुर जनपद के मोहल्ला दीवान जोगराज में हुआ था। उन्होंने अपना अधिकांश जीवन राज योग ध्यान की एक विधि विकसित करने में बिताया जिसे सहज मार्ग कहा जाता है। उन्होंने 1945 में श्री रामचंद्र मिशन नामक एक संगठन की स्थापना की थी, जो उनके शिक्षक गुरु के नाम पर समर्पित और नामित था, जिन्हें राम चंद्र भी कहा जाता था। उन्होंने फतेहगढ़ के राम चंद्र से राज योग ध्यान का अभ्यास सीखा। उन्होंने इस पद्धति को समकालीन दुनिया में और अधिक लागू करने के इरादे से विकसित किया। उन्होंने इस नई पद्धति को सिखाने के लिए 1945 में श्री रामचंद्र मिशन नामक एक गैर-लाभकारी संगठन की स्थापना की और उसे पंजीकृत किया, जिसे उन्होंने सहज मार्ग (एक नाम जिसे बाद में “हार्टफुलनेस मेडिटेशन” में बदल दिया गया) कहा और उन्होंने इसके बारे में कई किताबें लिखीं।