बिजनौर पुलिस ने एक ऐसे शातिर गिरोह का खुलासा किया है, जिसने फर्जी इवेंट कंपनी के जरिए बॉलीवुड कलाकारों को अगवा कर फिरौती वसूलने का संगठित नेटवर्क तैयार किया था।
गैंग का मास्टरमाइंड लवी पाल उर्फ सुशांत उर्फ राहुल सैनी, जिसने बचपन से ऊंचे सपने देखे और दूसरों को ठगने में महारत हासिल की।
कैसे काम करता था गैंग?
गिरोह छोटे कलाकारों को इवेंट में बुलाने का झांसा देकर दिल्ली एयरपोर्ट बुलाता, जहां से उनका अपहरण कर लिया जाता था। उन्हें बंधक बनाकर दो से आठ लाख रुपये तक की फिरौती वसूली जाती। फिरौती वसूलने के बाद कलाकारों को फ्लाइट टिकट देकर वापस भेज दिया जाता, ताकि वे पुलिस से शिकायत न करें।
फर्जी इवेंट कंपनी का मास्टरमाइंड लवी पाल
लवी पाल ने 2016 में मुंबई जाकर बॉलीवुड में छोटे कलाकारों से संपर्क बनाए। उसने अपने गिरोह में बिजनौर और गाजियाबाद के युवाओं को शामिल किया। छह महीने पहले गाजियाबाद निवासी शशांक चौधरी के जुड़ने के बाद बड़े कलाकारों को अगवा करने की योजना बनाई गई।
गिरफ्तारियां और पुलिस कार्रवाई
पुलिस ने इस गिरोह के पांच सदस्यों को गिरफ्तार किया है:
- अर्जुन कर्णवाल (बिजनौर)
- सार्थक चौधरी उर्फ रिक्की (पूर्व सभासद, बिजनौर)
- शशांक चौधरी (गाजियाबाद)
- सबीउद्दीन उर्फ सैबी (बिजनौर)
- अजीम (बिजनौर)
गिरोह ने अभिनेता मुश्ताक खान और कॉमेडियन सुनील पाल को अगवा कर फिरौती वसूली। शक्ति कपूर को अगवा करने की योजना बनाई गई थी, लेकिन एडवांस फीस ज्यादा होने के कारण बात नहीं बनी।
पुलिस की जांच और खुलासा
20 नवंबर को मुश्ताक खान को दिल्ली एयरपोर्ट से अगवा कर बिजनौर लाया गया और उनके फोन से 2.20 लाख रुपये निकाल लिए गए। इसी तरह 2 दिसंबर को सुनील पाल को अगवा कर 8 लाख रुपये वसूले गए।
मेरठ और बिजनौर पुलिस ने मामले की विवेचना कर गिरोह का पर्दाफाश किया। आरोपियों के पास से कुल 3.29 लाख रुपये और एक कार बरामद की गई है।
गिरोह का अंत लेकिन खतरे के संकेत
एसपी बिजनौर अभिषेक झा ने बताया कि यह गिरोह फर्जी इवेंट कंपनी के जरिए बॉलीवुड कलाकारों को निशाना बनाता था। पुलिस ने खुलासा करने वाली टीम को 25,000 रुपये का इनाम दिया है।