बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं, जिसका कारण धार्मिक उन्माद और असुरक्षा की भावना है।
हाल ही में सुमनगंज जिले के मंगलारगांव में कट्टरपंथियों की भीड़ ने हिंदू परिवारों के घरों पर हमला कर दिया। फेसबुक पर एक हिंदू युवक पर ईश निंदा का आरोप लगाकर हिंसा को अंजाम दिया गया।
हमलावरों ने 100 से ज्यादा हिंदू घरों में तोड़फोड़ की, यहां तक कि पूजा स्थलों को भी नहीं छोड़ा। इस हिंसा के बाद, 200 से अधिक हिंदू परिवारों को पलायन करना पड़ा। पुलिस ने आरोपित आकाश दास (20) को गिरफ्तार किया है।
पूर्व पीएम शेख हसीना ने इस हिंसा पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए यूनुस सरकार पर आरोप लगाया कि वह हिंदू अल्पसंख्यकों के खिलाफ सोचे-समझे नरसंहार की स्थिति उत्पन्न कर रही है।
हसीना ने कहा कि उन्होंने बांग्लादेश छोड़ने का फैसला लोगों की जान बचाने के लिए लिया, न कि अपनी जान बचाने के लिए।
इस बीच, अमेरिकी कांग्रेसी ब्रैड शेरमन ने बांग्लादेश सरकार से हिंदू अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और हालिया हमलों के खिलाफ कार्रवाई करने का आह्वान किया है।
उन्होंने कहा कि बांग्लादेश की सरकार का यह कर्तव्य है कि वह हिंसा से प्रभावित हिंदू समुदाय की रक्षा करे और उनके विरोध प्रदर्शन का सही तरीके से समाधान निकाले।