गोरखपुर। गुर्दे की बीमारी से पीड़ित पूर्वी उत्तर प्रदेश,नेपाल और सटे हुए बिहार के मरीजों को अब डायलिसिस के लिए लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा।
इसके लिए एक बड़ी यूनिट की सौगात महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के चिकित्सालय में स्थापित हो गई है। श्री गोरक्षनाथ चिकित्सालय गोरखनाथ के डायलिसिस यूनिट को भी अब महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के चिकित्सालय में शिफ्ट कर दिया गया है।
पहले जहां इस यूनिट में चार मशीनों/बेडों पर डायलिसिस की सुविधा थी, वहीं अब विश्वविद्यालय के कुलाधिपति एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर शिफ्ट हुई यूनिट में मशीनों की संख्या को बढ़ाकर 18 कर दिया गया है।
महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के हॉस्पिटल की डायलिसिस यूनिट पूर्वांचल के बड़े डायलिसिस सेंटर की कतार में शामिल हो गई है।
गौरतलब है कि महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के तहत संचालित मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर में इस साल से एमबीबीएस की सौ सीटों पर पढ़ाई शुरू हो चुकी है। परिसर में बने इस मेडिकल कॉलेज के हॉस्पिटल में मरीजों को उपचार की अत्याधुनिक और बेहतरीन सुविधा उपलब्ध कराने के बड़े पैमाने पर इंतजाम किए गए हैं।
इसी कड़ी में गुर्दे के मरीजों को डायलिसिस की सुविधा के लिए ऐसी पहल की गई है कि किसी भी किडनी पेशेंट को अब डायलिसिस के लिए लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा।
श्री गोरक्षनाथ मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर के प्राचार्य डॉ. अरविंद सिंह कुशवाहा बताते हैं कि महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय, गोरखपुर में संचालित चिकित्सालय की डायलिसिस यूनिट पूर्वी उत्तर प्रदेश में एक महत्वपूर्ण और बड़ी यूनिट हो गई है।
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री एवं इस विश्वविद्यालय के कुलाधिपति योगी आदित्यनाथ ने 5 मार्च 2022 को चिकित्सालय में डायलिसिस यूनिट का शुभारंभ किया था। उस समय चिकित्सालय में कुल 4 डायलिसिस मशीनें थीं।
मरीजों के बढ़ते मामलों को देखते हुए गुरु श्री गोरक्षनाथ चिकित्सालय गोरखनाथ के डायलिसिस सेंटर को महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के चिकित्सालय में स्थानांतरित कर दिया गया है। इससे अब चिकित्सालय में डायलिसिस मशीनों की संख्या 18 हो गई है।
डायलिसिस मशीनों की संख्या बढ़ जाने से यह चिकित्सालय पूर्वांचल के एक वृहद डायलिसिस सेंटर के रूप में प्रतिष्ठित हो गया है।
महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के चिकित्सालय में उच्चीकृत डायलिसिस सेंटर को प्रारंभ करने से पूर्व 30 नवम्बर को विश्वविद्यालय के कुलाधिपति एवं सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसका निरीक्षण किया था। उनकी संस्तुति के बाद यह सेंटर पूर्णतः क्रियाशील हो गया है।
अब पूर्वांचल के मरीजों एवं उनके परिजनों को डायलिसिस के लिए कठिनाइयों का सामना नहीं करना पड़ेगा। डॉ. अरविंद सिंह कुशवाहा ने बताया कि चिकित्सालय में प्रतिदिन कुल 60 से अधिक गुर्दे के मरीजों की डायलिसिस की जा रही है। चिकित्सालय में प्रतिष्ठित वरिष्ठ चिकित्सको एवं टेक्निशियनों द्वारा मरीजों की सेवा की जा रही है।