लखनऊ: समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव के कल जय प्रकाश नारायण के जन्मदिन पर जय प्रकाश नारायण इंटरनेशनल सेंटर (JPNIC) में कार्यक्रम में भाग लेने की तैयारी को लेकर सुरक्षा के इंतजाम बढाए जा रहे हैं। JPNIC के गेट पर टीन की ऊंची घेराबंदी की जा रही है, जिससे अखिलेश वहां पहुँच न सकें।
पिछले वर्ष, अखिलेश यादव ने कार्यक्रम के दौरान 8 फीट ऊंचे गेट को कूदकर कार्यक्रम स्थल में प्रवेश किया था, जिससे सुरक्षा के उपायों पर सवाल उठे थे। इस बार, प्रशासन ने सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए इस घेराबंदी को करने का निर्णय लिया है।
घेराबंदी को लेकर अखिलेश यादव का एक्स पर पलटवार
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने जय प्रकाश नारायण इंटरनेशनल सेंटर (JPNIC) के गेट पर टीन की घेराबंदी को लेकर सोशल एक्स मीडिया पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने अपने ट्वीट में इस कदम पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि यह कदम लोकतांत्रिक मूल्यों और जनसंवाद को बाधित करने का प्रयास है।
अखिलेश यादव ने एक्स पर लिखा, “किसी को नमन करने या श्रधांजलि देने से रोकना सुसभ्य लोगों की निशानी नहीं।” JPNIC के गेट पर दीवार का निर्माण करना एक संकेत है कि सत्ता में बैठे लोग जनता के सवालों को सुनने से कतराते हैं। यह दीवार जनता और नेतृत्व के बीच की दूरी को बढ़ाने का एक और प्रयास है।”
उन्होंने आगे कहा कि लोकतंत्र में सभी को खुला संवाद करने का हक है और इस तरह के कदम से लोकतांत्रिक प्रक्रिया को कमजोर किया जा रहा है। उनका कहना है कि जय प्रकाश नारायण के विचारों के अनुरूप एक स्वस्थ लोकतंत्र में विचारों का आदान-प्रदान होना चाहिए।
अखिलेश की प्रतिक्रिया के बाद, कई सपा समर्थकों और राजनीतिक विश्लेषकों ने इस कदम की निंदा की है और इसे सरकार की तानाशाही प्रवृत्ति का उदाहरण बताया है।
अखिलेश यादव के ट्वीट के संदर्भ में यह भी बताया गया कि इस दीवार का निर्माण आगामी कार्यक्रम के मद्देनजर सुरक्षा कारणों से किया जा रहा है, जिसमें वह खुद शामिल होंगे। इससे पहले भी, उन्होंने पिछले वर्ष एक कार्यक्रम के दौरान सुरक्षा की स्थिति पर सवाल उठाया था, जब उन्होंने 8 फीट ऊंचे गेट को कूदकर कार्यक्रम स्थल में प्रवेश किया था।
इस ट्वीट ने एक बार फिर से राजनीतिक हलचलों को बढ़ा दिया है, जिससे आगामी चुनावों में सपा और सत्ताधारी पार्टी के बीच राजनीतिक बहस और भी तेज होने की संभावना है।