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मंत्री कपिल देव अग्रवाल

आईटीआई संस्थानों की गुणवत्ता में सुधार का निर्देश, पढ़ें विस्तार

लखनऊ: प्रदेश के व्यावसायिक शिक्षा, कौशल विकास और उद्यमशीलता राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कपिल देव अग्रवाल ने विधानसभा कार्यालय में एक विभागीय समीक्षा बैठक का आयोजन किया। इस बैठक में आईटीआई संस्थानों की प्रगति और कौशल विकास मिशन की योजनाओं पर गहन चर्चा हुई।

मंत्री ने आईटीआई संस्थानों की शिक्षा गुणवत्ता को उन्नत करने के लिए निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि छात्रों को नवीनतम तकनीक और ट्रेंड्स के आधार पर प्रशिक्षित किया जाए, ताकि उन्हें बेहतर रोजगार और स्वरोजगार के अवसर मिल सकें। इसके साथ ही, नए ट्रेड्स शुरू करने पर जोर दिया गया और कहा गया कि जिन ट्रेड्स में नामांकन नहीं हो रहा है, उन्हें बंद किया जाए या अन्य कोर्स में समायोजित किया जाए।

प्रोजेक्ट प्रवीण के तहत कौशलपरक कोर्स:
मंत्री ने प्रोजेक्ट प्रवीण के तहत छात्रों की रुचि के अनुसार कौशलपरक कोर्स संचालित करने का प्रस्ताव पेश किया। यह योजना ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों को कम उम्र से ही कौशल विकास की ओर प्रेरित करने के लिए है।

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निजी आईटीआई संस्थानों की गुणवत्ता:
कपिल देव अग्रवाल ने निजी क्षेत्र के आईटीआई संस्थानों का नियमित निरीक्षण करने और उनकी गुणवत्ता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि निजी संस्थानों को भी सरकारी मानकों के अनुरूप शिक्षा प्रदान करनी चाहिए। इसके साथ ही, सफल छात्रों की कहानियों को प्रमुखता से प्रस्तुत करने और युवाओं को आईटीआई और कौशल विकास योजनाओं की ओर आकर्षित करने के लिए विशेष अभियान चलाने का निर्देश दिया गया।

सुविधाएं और वित्तीय स्वीकृतियां:
बैठक में आईटीआई परिसरों तक छात्रों की सुगम पहुंच सुनिश्चित करने के लिए पहुंच मार्ग बनाने के निर्देश भी दिए गए। वित्तीय स्वीकृतियों की अद्यतन स्थिति की समीक्षा करते हुए मंत्री ने अधिकारियों को सभी प्रक्रियाओं को शीघ्र पूरा करने का निर्देश दिया, ताकि योजनाओं का कार्यान्वयन समय पर हो सके।

मंत्री ने यह भी बताया कि भारत सरकार द्वारा आईटीआई संस्थानों के उच्चीकरण की कार्यवाही की जा रही है, जिसके तहत प्रदेश की आईटीआई संस्थानों के लिए प्रस्ताव भेजा जाएगा।

नए आईटीआई संस्थान:
बैठक में यह भी जानकारी दी गई कि राज्य में टाटा कंपनी के सहयोग से पीपीपी मॉडल के तहत 150 नए आईटीआई तैयार किए गए हैं। इनका उद्देश्य प्रदेश के युवाओं को आधुनिक तकनीकी कौशल में प्रशिक्षित करना और रोजगार के अवसर प्रदान करना है।

उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन के तहत वित्तीय वर्ष 2024-25 में अधिक से अधिक छात्रों को प्रशिक्षित करने और रोजगार के अवसर प्रदान करने का लक्ष्य रखा गया है।

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