लखनऊ: उत्तर प्रदेश में विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने बिजली के निजीकरण के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए आगामी 4 दिसंबर से वाराणसी में जन पंचायत की शुरुआत करने का ऐलान किया है।
समिति ने 10 दिसंबर को आगरा में भी एक जन पंचायत आयोजित करने की योजना बनाई है।
समिति का आरोप है कि राज्य सरकार द्वारा यूपीपीसीएल (उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड) की बिजली कंपनियों को पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) मॉडल पर चलाने का कदम कर्मचारियों और जनता के हित में नहीं है।
इसके अलावा, वाराणसी और आगरा विद्युत वितरण निगम के निजीकरण को रद्द करने की भी मांग की जा रही है।
विद्युत कर्मचारियों ने आरोप लगाया है कि सरकार घाटे के भ्रामक आंकड़े पेश कर रही है, और वित्तीय वर्ष 2024 में 46,130 करोड़ रुपये की सहायता राशि देने की बात को छिपाया जा रहा है।
इसके साथ ही कर्मचारियों ने चेतावनी दी है कि यदि उनके विरोध की अनदेखी की गई तो वे हड़ताल की योजना बना सकते हैं।
वहीं, संभावित हड़ताल से निपटने के लिए राज्य सरकार ने सभी जिलों के डीएम और कमिश्नरों को सतर्क रहने के निर्देश जारी कर दिए हैं।
राज्यभर में बढ़ते इस विरोध को लेकर सरकार पर दबाव बढ़ रहा है, और जन पंचायतों का यह सिलसिला आने वाले दिनों में और तेज हो सकता है।