बहराइच।
जनपद में भीषण गर्मी के बीच पेयजल और सिंचाई संकट से निपटने के लिए बुलाई गई जनपद सिंचाई बन्धु बैठक में उस वक्त असंतोष का माहौल बन गया जब बिजली विभाग के अधिकारी अनुपस्थित रहे। यह बैठक सिंचाई विभाग के आफीसर्स फील्ड हॉस्टल, कल्पीपारा कॉलोनी में आयोजित की गई थी, जिसकी अध्यक्षता सिंचाई बन्धु के उपाध्यक्ष राघवेन्द्र प्रताप सिंह ने की।
बैठक की शुरुआत में ही उपाध्यक्ष ने गर्मी की गंभीरता और जल संकट की चर्चा करते हुए तालाब-पोखरों की स्थिति पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि मोतीपुर कॉलोनी नंबर-3 में किए गए वास्तविक कार्यों की जानकारी दी जाए और अतिक्रमण हटाने की प्रभावी कार्यवाही सुनिश्चित की जाए।
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सूखे की स्थिति को देखते हुए मवेशियों के लिए पेयजल उपलब्ध कराने और नहरों का संचालन कर तालाबों को भरने के निर्देश भी दिए गए। इस दौरान उपाध्यक्ष ने यह भी कहा कि आगजनी की बढ़ती घटनाओं को रोकने में जल स्रोतों की बड़ी भूमिका होगी। अतः सभी तालाब-पोखरों को यथाशीघ्र भरवाया जाए।
बैठक का माहौल उस वक्त तनावपूर्ण हो गया जब यह पाया गया कि बिजली विभाग के कोई भी अधिकारी बैठक में मौजूद नहीं हैं। उपाध्यक्ष राघवेन्द्र प्रताप सिंह ने इसे अत्यंत गंभीर लापरवाही करार देते हुए इस मामले में शासन को शिकायत भेजने की बात कही। उन्होंने यह भी कहा कि जल संकट से निपटने के लिए बिजली विभाग की भूमिका अहम होती है और इस प्रकार की गैर-जिम्मेदाराना हरकतें स्वीकार नहीं की जाएंगी।
बैठक में सिंचाई, नगर निकाय, राजस्व, पशुपालन, कृषि सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद रहे। सभी को निर्देशित किया गया कि आपसी समन्वय बनाकर कार्य करें ताकि जनहित के मुद्दों का समय से समाधान हो सके।
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