दिल्ली सुप्रीम कोर्ट ने सर्वोच्च पद पर काबिज जौहर यूनिवर्सिटी की जमीन की लीज रद्द करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार के फैसले पर अपना मुहर लगा दिया है। इस मामले में कोर्ट ने स्पष्ट टिप्पणी की कि सपा नेता और पूर्व मंत्री आजम खान ने अपने मंत्री के पद पर विश्वास करके उन्हें जमीन दिलवाई है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आजम खान ने अपनी शक्तियों का अनुचित लाभ, जौहर ट्रस्टों को वैधानिक भूमि प्रदान की है। उत्तर प्रदेश सरकार ने इस भूमि की लीज को रद्द करते हुए कहा था कि यह जमीन के खिलाफ थी, जिसे अब देश की सर्वोच्च अदालत ने सही दोषी करार दिया है।
जौहर यूनिवर्सिटी के इस मामले पर काफी समय से विवाद चल रहा था। पहले इलाहबाद हाईकोर्ट ने भी लीज रद्द करने के आदेश दिए थे, जिसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा। कोर्ट की इस टिप्पणी के बाद आजम खान की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं, क्योंकि उनसे पहले ही कई कानूनी मामलों का सामना करना पड़ रहा है।
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