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फाइल फोटो : न्यायमूर्ति गिरधर मालवीय

जस्टिस गिरधर मालवीय का निधन: महामना मदन मोहन मालवीय के थे प्रपौत्र


प्रयागराज: भारतीय न्यायपालिका और समाज सेवा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले महामना मदन मोहन मालवीय के पौत्र, न्यायमूर्ति गिरधर मालवीय का निधन हो गया। 92 वर्ष की आयु में उनका निधन सोमवार सुबह प्रयागराज स्थित जॉर्जटाउन के एक निजी अस्पताल में हुआ। उनका पार्थिव शरीर उनके आवास पर रखा गया, जहाँ शोक संवेदना व्यक्त करने के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंचे।

न्यायमूर्ति गिरधर मालवीय का जीवन:

गिरधर मालवीय का जन्म 14 नवंबर को वाराणसी में हुआ था। वह महामना मदन मोहन मालवीय के पौत्र गोविंद मालवीय के एकमात्र पुत्र थे। उनके जीवन का अधिकांश समय शिक्षा, न्याय और समाज सेवा में व्यतीत हुआ। बीएचयू के पूर्व चांसलर और गंगा महासभा के अध्यक्ष के रूप में उनका योगदान अविस्मरणीय रहेगा।

उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा वाराणसी के बेसेंट थियोसोफिकल स्कूल से प्राप्त की थी और बाद में काशी हिंदू विश्वविद्यालय से विधि और राजनीति विज्ञान में स्नातक की डिग्री हासिल की। 1960 में उन्होंने इलाहाबाद उच्च न्यायालय में वकालत शुरू की और 1988 में न्यायाधीश के रूप में पदस्थापित हुए। वे बीएचयू के चांसलर के रूप में भी कार्यरत रहे।

लोकसभा चुनाव 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रस्तावक:

जस्टिस गिरधर मालवीय का योगदान न केवल न्यायिक क्षेत्र में था, बल्कि उन्होंने राष्ट्रीय राजनीति में भी अपनी छाप छोड़ी। वे 2014 के लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रस्तावक रहे थे, जो उनके समर्पित राष्ट्रभक्ति और समाज सेवा को दर्शाता है।

स्वास्थ्य कारणों से अंतिम समय में सार्वजनिक कार्यक्रमों से दूरी:

लंबे समय से बीमार चल रहे जस्टिस गिरधर मालवीय ने पिछले वर्ष बीएचयू के दीक्षांत समारोह में अंतिम बार सार्वजनिक कार्यक्रम में भाग लिया था। इसके बाद से उनकी सेहत में गिरावट आई और वे किसी भी अन्य सार्वजनिक कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए।

शोक व्यक्त करने वालों का तांता:

जस्टिस गिरधर मालवीय के निधन की खबर सुनते ही उनके घर पर शोक संवेदनाओं का सिलसिला शुरू हो गया। बीएचयू के पूर्व कुलपति प्रोफेसर जीसी त्रिपाठी और इलाहाबाद हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति सुरेंद्र सिंह ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके अलावा, प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने भी सोशल मीडिया पर अपनी शोक संवेदना व्यक्त की।

अंतिम संस्कार:

जस्टिस गिरधर मालवीय का अंतिम संस्कार 19 नवंबर को प्रयागराज के रसूलाबाद घाट पर किया जाएगा। उनके परिवार में उनके पुत्र मनोज मालवीय, जो पश्चिम बंगाल के पूर्व डीजीपी हैं, और दो बेटियां शामिल हैं।

समाज, शिक्षा और न्याय के प्रति समर्पण:

जस्टिस गिरधर मालवीय का जीवन समाज सेवा, शिक्षा और न्याय के प्रति समर्पण का प्रतीक था। उनके योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकेगा, और उनकी यादें हमेशा उनके योगदानों के रूप में जीवित रहेंगी।

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