वाराणसी। आंध्र प्रदेश के तिरुपति मंदिर में लड्डू में चर्बी वाले घी के इस्तेमाल को लेकर चल रहे विवाद के बीच, काशी विद्वत परिषद ने देशभर के मंदिरों में भोग प्रसाद की नई व्यवस्था की पहल की है।
नई प्रसाद व्यवस्था पर चर्चा
काशी विद्वत परिषद के महामंत्री रामनारायण द्विवेदी ने बताया कि इस संबंध में संतों, व्यवस्थापकों और सरकार के साथ बैठक आयोजित की जाएगी। परिषद ने सभी मंदिरों के लिए एक खाका तैयार किया है, जिसमें भोग प्रसाद में फल, पंचमेवा, बताशा और रामदाना चढ़ाने की पुरानी परंपरा को पुनर्जीवित करने का प्रस्ताव है।
मिलावट रहित भोग
इस नई व्यवस्था का मुख्य उद्देश्य श्रद्धालुओं की आस्था को सुरक्षित रखना और प्रसाद में मिलावट की संभावना को समाप्त करना है। दिव्य भोग तैयार करने के लिए, जो मंदिर अपनी गौशाला से उत्पादित सामग्री का उपयोग कर सकते हैं, उन्हें भी प्रोत्साहित किया जाएगा।
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जल्द ही बैठक
रामनारायण द्विवेदी ने बताया कि जल्द ही इस विषय पर देशभर के धर्माचार्यों के साथ बैठक की जाएगी, ताकि नई भोग प्रसाद व्यवस्था को सभी मंदिरों में लागू किया जा सके। इस पहल से श्रद्धालुओं को गुणवत्तापूर्ण और श्रद्धा से भरा प्रसाद प्राप्त होगा, जिससे उनकी आस्था और विश्वास और भी मजबूत होगा।