महाकुम्भ 2025 के पहले अमृत स्नान पर किन्नर अखाड़ा आकर्षण का प्रमुख केंद्र बना। आचार्य लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी की अगुवाई में किन्नर अखाड़े के सदस्यों ने संगम में अमृत स्नान किया और समाज के कल्याण की कामना की। शस्त्र प्रदर्शन और उत्साह के बीच किन्नर अखाड़े ने भारतीय संस्कृति की ताकत को प्रदर्शित किया।
महाकुम्भ 2025 के पहले अमृत स्नान के अवसर पर किन्नर अखाड़ा एक प्रमुख आकर्षण का केंद्र बना। आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी की अगुवाई में किन्नर अखाड़े के सदस्य संगम में पहुंचकर अमृत स्नान किया। इस अवसर पर किन्नर अखाड़े के साधु पारंपरिक शस्त्रों का प्रदर्शन करते हुए अमृत स्नान के पावन अवसर पर समाज कल्याण की कामना कर रहे थे।महासंक्रांति के पर्व पर किन्नर अखाड़े ने समाज के कल्याण और उन्नति की कामना की और देशवासियों की सुख-समृद्धि की प्रार्थना की।
किन्नर अखाड़े के सदस्य तलवारों और शस्त्रों को लहराते हुए और जयघोष करते हुए अपनी शक्ति और परंपरा का अद्भुत प्रदर्शन कर रहे थे। आचार्य लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी के नेतृत्व में यह आयोजन महाकुम्भ 2025 की धार्मिक आस्था और सामाजिक एकता का प्रतीक बन गया।राम्या नारायण गिरी ने बताया कि अमृत स्नान के दौरान प्रत्येक सदस्य ने भारतवासियों के सुख-समृद्धि और देश के कल्याण की कामना की।
इस अवसर पर किन्नर अखाड़े के सदस्य न केवल धार्मिक कार्यों में शामिल हुए, बल्कि समाज के प्रति एक सकारात्मक संदेश भी दिया। महाकुम्भ का यह पर्व भारतीय संस्कृति, आस्था और सामाजिक उत्थान का प्रतीक बना।
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