“लखनऊ में एलडीए ने 2017 में बनी एक बिल्डिंग को स्थानीय निवासी की शिकायत पर सील कर दिया। सील किए गए फ्लैट में एक हृदय रोगी पति और उसकी पत्नी कैद हो गए। दंपत्ति अपने घर से बाहर निकलने के लिए स्थानीय लोगों से मदद की गुहार लगा रहे हैं, जबकि उनके बच्चे भी स्कूल से लौटते हुए माँ-बाप को बाहर निकालने के लिए फरियाद कर रहे हैं।”
लखनऊ। राजधानी में एक अजीब मामला सामने आया है, जहां लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) ने 2017 में बनी एक बिल्डिंग को सील कर दिया, जिसके परिणामस्वरूप एक दंपत्ति और उनके बच्चों को परेशानी का सामना करना पड़ा। यह घटना हुसैनगंज के जौहरी मेहतर गढ़ैया इलाके में हुई, जहां एलडीए ने स्थानीय निवासी की शिकायत के बाद फ्लैट को सील किया।
इस फ्लैट में रह रहे पति-पत्नी को एलडीए की टीम ने फ्लैट में ही कैद कर दिया। पति हृदय की गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं और दवा के अभाव में उनकी स्थिति नाजुक हो गई है। दंपत्ति ने स्थानीय लोगों से मदद की गुहार लगाई, ताकि वे घर से बाहर निकल सकें और पति को दवा मिल सके।
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दंपत्ति के बच्चे स्कूल से लौटने के बाद फ्लैट के बाहर भीड़ जुटा रहे थे और अपनी माँ-बाप को बाहर निकालने के लिए फरियाद कर रहे थे। स्थानीय लोग भी इस एलडीए की कार्रवाई से नाराज नजर आ रहे हैं और इसे अजीब और अमानवीय मान रहे हैं।
घटना के बाद से हुसैनगंज के क्षेत्र में एलडीए के खिलाफ नाराजगी दिख रही है और लोग इस मुद्दे को लेकर गुस्से में हैं। इस घटनाक्रम ने एलडीए की कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं और नागरिकों के प्रति इसकी संवेदनशीलता की कमी को उजागर किया है।
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