लखनऊ। राजधानी के विकासनगर में दलित युवक अमन गौतम (26) की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के मामले ने सियासी रंग ले लिया है। रविवार को आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष सांसद चंद्रशेखर आजाद ने अमन के परिजनों से मिलने उनके घर पहुंचे। उन्होंने घटना की गंभीरता पर सवाल उठाते हुए कहा, “जो लोग लखनऊ में PDA (पसमांदा, दलित, आदिवासी) का नारा देते हैं, वे आज यहां क्यों नहीं आए?”
सांसद ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपील की कि वे इस मामले में सख्त कार्रवाई करें और पीड़ित परिवार को 50 लाख रुपये मुआवजा दें। उन्होंने यह भी कहा कि सभी दलित संगठनों को आगे आकर पीड़ित परिवार के साथ खड़े होना चाहिए। चंद्रशेखर ने विवेक तिवारी हत्याकांड का उदाहरण देते हुए कहा कि अमन के परिवार को भी उचित सहायता मिलनी चाहिए।
अमन की पत्नी की तहरीर पर पुलिस ने सिपाही शैलेंद्र सिंह और तीन अज्ञात पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। सांसद चंद्रशेखर के बाद, मोहनलालगंज से सपा सांसद आरके चौधरी और अनुराग भदौरिया भी पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे और मुआवजे एवं सरकारी नौकरी की मांग की।
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मामले में बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी बयान दिया है, जिसमें उन्होंने कहा कि अमन गौतम की पुलिस बर्बरता से हुई मौत अत्यंत दुखद है। उन्होंने सरकार से दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की और पीड़ित परिवार की हर संभव मदद का आश्वासन दिया।
10 अक्टूबर की रात, विकासनगर के सेक्टर 8 स्थित अंबेडकर पार्क में जुआ चलने की सूचना पर पुलिस पहुंची। पुलिस ने वहां से अमन गौतम और एक अन्य युवक सोनू बंसल को गिरफ्तार किया। इस दौरान अमन गौतम की मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि अमन की मौत पुलिस की पिटाई से हुई, जबकि पुलिस ने कहा कि उसकी तबीयत अचानक बिगड़ गई। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में हार्ट अटैक से मौत की पुष्टि हुई है।
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