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बारहसिंगा के शिकार पर तिहरे हत्याकांड का मामला: लखनऊ के हिस्ट्रीशीटर लल्लन खान की मुश्किलें बढ़ीं

लखनऊ। मलिहाबाद में तिहरे हत्याकांड के आरोपी लल्लन खान की मुश्किलें बढ़ गई हैं। वन विभाग ने 10 साल पहले बारहसिंगा के शिकार से जुड़े एक पुराने मामले में लल्लन खान और उसके भतीजे ख्वाजा मोहम्मद गौस खान के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। यह कार्रवाई तब हुई जब लल्लन के भतीजे की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हुई, जिसमें वह शिकार किए गए बारहसिंगा के साथ नजर आ रहा था।

वायरल तस्वीर की पृष्ठभूमि

एसीपी मलिहाबाद, धर्मेंद्र रघुवंशी ने बताया कि 28 सितंबर को वायरल तस्वीर को लेकर वन विभाग ने जांच शुरू की। वन दरोगा आशीष वर्मा की तहरीर पर लल्लन खान और उसके भतीजे ख्वाजा मोहम्मद गौस खान के खिलाफ वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज की गई।

हत्याकांड से जुड़ाव

इससे पहले, लल्लन खान पर मलिहाबाद में एक ही परिवार के तीन लोगों की हत्या का आरोप था। कहा जाता है कि लल्लन और उसके पिता सिराज अहमद उर्फ गब्बर खान ने इस हत्याकांड को अंजाम दिया। इसके बाद से उनके खिलाफ कई मामले दर्ज किए गए हैं, लेकिन स्थानीय लोगों में उनके आतंक के कारण कोई भी खुलकर बयान नहीं दे पाया था।

पूर्व अपराधों का इतिहास

लल्लन खान का क्राइम की दुनिया से पुराना नाता रहा है। उसके खिलाफ पहले से 24 से अधिक केस दर्ज हैं। 1980 के दशक में लखनऊ में उसकी दबंगई का खौफ था, और वह खुद को गब्बर खान के नाम से भी पहचानता था। वर्ष 1985 में उसके घर पर हुई छापेमारी में पुलिस को कई अवैध हथियार भी मिले थे।

तलाशी और जांच

वन विभाग ने लल्लन खान के सील किए गए मकान की तलाशी लेने का निर्णय लिया है, ताकि मामले से जुड़े साक्ष्यों को जुटाया जा सके। रेंजर सोनम दीक्षित ने बताया कि प्रशासन की अनुमति मिलने के बाद इस तलाशी अभियान को अंजाम दिया जाएगा।

निष्कर्ष

लल्लन खान की बढ़ती मुश्किलें और पुराने अपराधों के चलते उसके खिलाफ कार्रवाई का सिलसिला जारी है। यह मामला न केवल उसके खिलाफ चल रहे आपराधिक मामलों को उजागर करता है, बल्कि समाज में वन्यजीवों के संरक्षण की दिशा में भी महत्वपूर्ण कदम है। मामले की आगे की जांच और कार्रवाई से इस प्रकार के अपराधों में कमी आने की उम्मीद की जा रही है।

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