लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के इमर्जेन्सी मेडिसिन विभाग की ओर से दो दिवसीए इमर्जेन्सी मेडिसिन एंड इंटेंसिव केयर सम्मेलन (नेमिकान 2024) का आयोजन 05 व 06 अक्टूबर को अटल बिहारी बाजपेई साइंटिफिक कन्वेंशन सेन्टर में किया जा रहा है। इस सम्मेलन में नेपाल, भूटान, आस्ट्रेलिया समेत भारत के कई राज्यों के सरकारी व गैर सरकारी चिकित्सालयों के करीब 600 चिकित्सक भाग लेंगे। यह जानकारी केजीएमयू के इमर्जेन्सी मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष डाॅ. हैदर अब्बास ने दी।
डाॅ. हैदर अब्बास ने बताया कि सम्मेलन का उद्घाटन उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक करेंगे। इस अवसर पर प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा पार्थ सारथी सेन शर्मा एवं केजीएमयू की कुलपति प्रो. सोनिया नित्यानंद उपस्थित रहेंगी। इसके अलावा विशिष्टि अतिथि के रूप में राष्ट्रीय चिकित्सा विज्ञान परीक्षा बोर्ड नई दिल्ली की उपाध्यक्ष प्रोफेसर मीनू बाजपेई, आस्ट्रेलिया से डाॅ. अमन आनन्द, नेपाल से डाॅ. अजय थापा, भूटान से डाॅ. सोना प्रधान और रायबरेली एम्स के निदेशक डाॅ. अरबिन्द राजवंशी प्रमुख रूप से उपस्थित रहेंगे।
डाॅ. हैदर अब्बास ने बताया कि भारत में 25 साल पहले इमर्जेन्सी मेडिसिन विभाग शुरू हुआ। पूर्व में इसे कैजुअल्टी कहा जाता था। इसका मुख्य उद्देश्य गोल्डन आवर में गंभीर रोगियों का उपचार करके जीवन बचाना हैै। प्रदेश सरकार हर मेडिकल कालेज में इमर्जेन्सी मेडिसिन विभाग खोलने का आदेश दिया है। कई मेडिकल काॅलेजों में यह विभाग खुल गया है। इन विभागों में पदों के भरने का काम भी शुरू हो चुका है।
आयोजन सचिव डाॅ. प्रेमराज सिंह ने बताया कि इस सम्मेलन में देशभर के इमर्जेन्सी मेडिसिन विशेषज्ञों और चिकित्सकों को एक साथ संवाद का अवसर मिलेगा। इसके अलावा आम जनता को बेसिक लाइफ सपोर्ट के लिए प्रेरित करना भी हमारा उद्देश्य है ताकि रोगियों को ससमय उपचार मिल पाये।
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