“मिर्जापुर में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को संभल जाने से रोकने के विरोध में कैंडल मार्च निकाला। इस दौरान कांग्रेस नेताओं और पुलिस के बीच धक्का-मुक्की हुई, और पांच नेताओं को हिरासत में लिया गया। हालांकि बाद में उन्हें छोड़ दिया गया। कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया।”
मिर्जापुर। कांग्रेस कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच बृहस्पतिवार को उस समय धक्का-मुक्की हो गई जब कार्यकर्ताओं ने राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को संभल जाने से रोकने के विरोध में कैंडल मार्च निकालने का प्रयास किया। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने घंटाघर पर मोमबत्तियां जलाकर विरोध प्रदर्शन शुरू किया, जिस पर सीओ सिटी विवेक जावला के नेतृत्व में पुलिस ने पहुंचकर उन्हें वहां से हटने का आदेश दिया।
पुलिस द्वारा आदेश देने पर कार्यकर्ता विरोध करने लगे, और इस दौरान शहर कांग्रेस अध्यक्ष राजन पाठक व पूर्व विधायक भगवती प्रसाद चैधरी भी पुलिस के साथ विवाद में शामिल हो गए। पुलिस ने दोनों नेताओं को हिरासत में लिया और कई अन्य कार्यकर्ताओं को भी पकड़ा, जिनमें छोटे खां, शिवशंकर चैबे और इश्तियाक अंसारी शामिल थे। पुलिस ने आरोप लगाया कि कांग्रेस कार्यकर्ता धारा 144 का उल्लंघन कर रहे थे, इसलिए उन्हें गिरफ्तार किया गया। हालांकि, सभी को बाद में छोड़ दिया गया।
कांग्रेस नेताओं ने इस घटना को लोकतंत्र की हत्या और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का उल्लंघन बताया। शहर कोतवाल नीरज पाठक ने कहा कि जिले में धारा 144 लागू है और किसी भी प्रकार की भीड़ इकट्ठा करने की अनुमति नहीं थी। उन्होंने बताया कि कांग्रेस नेताओं को हिरासत में लेकर शहर कोतवाली लाया गया, और बाद में उन्हें छोड़ दिया गया।
देश-दुनिया से जुड़े राजनीतिक और सामयिक घटनाक्रम की विस्तृत और सटीक जानकारी के लिए जुड़े रहें विश्ववार्ता के साथ।
ताज़ा खबरों, चुनावी बयानबाज़ी और विशेष रिपोर्ट्स के लिए हमारे साथ बने रहें।