लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने जीरो टॉलरेंस नीति के तहत अपराधियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की है। पिछले साढ़े सात वर्षों में 80,000 से अधिक अपराधियों को विभिन्न अपराधों के लिए सजा दिलाई गई है, जिसमें 54 को मृत्युदंड और 3,125 को आजीवन कारावास की सजा शामिल है।
अभियोजन निदेशालय के एडीजी दीपेश जुनेजा ने बताया कि पिछले साढ़े सात सालों में कुल 81,196 अपराधियों को अदालतों में प्रभावी पैरवी के जरिये सजा दिलाई गई। इनमें:
54 को मृत्युदंड
3,125 को आजीवन कारावास
9,076 को 10 वर्ष से अधिक की सजा
16,941 को 10 वर्ष से कम की सजा दी गई है।
महिला एवं किशोरियों के खिलाफ अपराध
महिलाओं और किशोरियों के खिलाफ अपराधों में गंभीरता से कार्रवाई की गई है। पिछले 16 महीनों में, महिला संबंधी अपराधों के तहत 28,700 अपराधियों को सजा दिलाई गई। इनमें से 16,565 को लैंगिक अपराधों और बलात्कार के मामलों में सजा मिली।
पॉक्सो एक्ट के तहत 12,135 अपराधियों को सजा दी गई, जिसमें 44 को मृत्युदंड और 1,354 को आजीवन कारावास शामिल है।
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दुर्दांत अपराधियों पर कार्रवाई
योगी सरकार ने प्रदेश के दुर्दांत और टॉप 10 कैटेगरी के अपराधियों पर भी सख्त कार्रवाई की है। 496 अपराधियों को सजा दी गई, जिसमें 1 को मृत्युदंड और 51 को आजीवन कारावास की सजा शामिल है।
माफिया और उनके गिरोह
प्रदेश के 69 चिह्नित माफिया अपराधियों और उनके गिरोह के खिलाफ भी कार्रवाई जारी है। 25 मार्च 2022 से 31 अगस्त 2024 तक कुल 42 मामलों में 29 अपराधियों को सजा दिलाई गई है।
योगी सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति का प्रभाव स्पष्ट दिखाई दे रहा है, जहां यूपी पुलिस और अभियोजन निदेशालय दोनों ने मिलकर अपराधियों को सलाखों के पीछे भेजने में सफलता प्राप्त की है। पिछली सरकारों के मुकाबले, इस सरकार ने अभियोजन निदेशालय को महत्वपूर्ण तरजीह दी है, जिससे अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई में तेजी आई है। यह सभी प्रयास न केवल अपराध की रोकथाम में मदद कर रहे हैं, बल्कि समाज में सुरक्षा और न्याय की भावना को भी बढ़ा रहे हैं।