नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि पीएम ने सर्जिकल स्ट्राइक और नोटबंदी का फैसला कर सरकार ने साहसिक काम किया है।
इन दोनों निर्णयों को इतिहास में अहम स्थान मिलेगा। उन्होंने अपनी बात रखते हुए शामिल सभी पदाधिकारियों से आगामी होने वाले पांच राज्यों में परचम लहराने का आवाहन किया।
भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के उद्धाटन सत्र को संबोधित करते हुए अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि केंद्र सरकार ने आतंकवाद के मुद्दे पर जीरो टालरेंस की नीति और कालेधन, जाली नोट और भ्रष्टाचार पर लगाम कसने के लिए नोटबंदी का फैसला कर साहसिक कदम उठाया।
इन दोनों फैसलों के कारण विपक्ष बेनकाब हो गया। उन्होंने कहा कि आतंकवाद के मसले पर कठोर कदम उठाते हुए सर्जिकल स्ट्राइक कर सरकार ने सेना का मनोबल बढ़ाया है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार ने विमुद्रीकरण (नोटबंदी) का साहसिक फैसला किया। सरकार को दीर्घकालीन हित को ध्यान में रखकर फैसले लेने होते हैं।
चूंकि यह सरकार गरीब कल्याण के लिए समर्पित है| ऐसे में गरीबों को न्याय देने के लिए यह फैसला लिया गया और गरीब जनता ने इस फैसले के साथ खड़ा होकर दिखाया। अब बैंक में जो पैसा आया उसकी पाई-पाई का हिसाब सरकार के पास है। पाकिस्तान में बैठे जाली नोट छापने वाले कारोबारी को आत्महत्या करनी पड़ी।
भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि नोटबंदी के कारण नक्सलवाद पर भी नकेल कसी जा सकी और नक्सलियों के संसाधन बर्बाद हो गए। आतंकवाद को भी इस फैसले से तगड़ा झटका लगा। भ्रष्टाचारी भी इस कदम से सदमें में आ गए।
शाह ने कहा कि कालेधन पर जो प्रहार हुआ उसके चलते सरकार को हर पैसे का हिसाब मिल रहा। अब हर लेन-देन डिजिटल हो रहा। अब उस पर मिलने वाला कर भी स्पष्ट रूप से सामने आएगा। सही कर आएगा तो विकास योजनाओं को तैयार करने में और उसको लागू करने में सफलता मिलेगी।
शाह ने देश की जनता का आभार जताते हुए कहा कि, जनता ने भी प्रधानमंत्री के निर्णय का साथ दिया। प्रधानमंत्री ने 50 दिन तकलीफ उठाने की बात कही। जनता खड़ी रही कतार में पर धैर्य न तोड़ा। किंतु, विपक्ष का असल चेहरा सामने आया। कल तक विपक्ष कहता था कि कालेधन पर क्या किया और अब कह रहा कि क्यों किया।
राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि पीएम ने सर्जिकल स्ट्राइक और नोटबंदी का फैसला कर उन्होंने कहा कि विपक्ष के तमाम विरोध के बावजूद हाल में अलग-अलग राज्यों में हुए उपचुनावों, स्थानीय निकायों में भाजपा को शानदार सफलता मिली, जनता ने सरकार के फैसले पर अपनी मुहर लगाई।
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