“यूपी सरकार ने डीजीपी की नियुक्ति के लिए नई नियमावली को मंजूरी दे दी है। अब डीजीपी का कार्यकाल न्यूनतम 2 साल का होगा। चयन प्रक्रिया के तहत एक समिति का गठन होगा जिसकी अध्यक्षता हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज करेंगे।“
लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के पुलिस प्रमुख (डीजीपी) की तैनाती के लिए एक नई नियमावली को मंजूरी दे दी है। इसके तहत डीजीपी का कार्यकाल कम से कम 2 वर्षों के लिए अनिवार्य किया गया है। नई प्रक्रिया में डीजीपी की नियुक्ति के लिए एक मनोनयन समिति का गठन होगा, जिसकी अध्यक्षता हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज करेंगे।
डीजीपी नियुक्ति के लिए नियमों में बदलाव
उत्तर प्रदेश सरकार ने यह निर्णय राज्य की कानून व्यवस्था को और सुदृढ़ करने के उद्देश्य से लिया है। नई नियमावली के अनुसार, डीजीपी का कार्यकाल अब 2 साल से कम नहीं होगा। सरकार का मानना है कि डीजीपी का स्थायी कार्यकाल प्रदेश में कानून व्यवस्था को बेहतर बनाने में सहायक होगा।
मनोनयन समिति की प्रक्रिया
डीजीपी की नियुक्ति के लिए जो मनोनयन समिति बनेगी, उसमें एक अध्यक्ष सहित अन्य प्रमुख सदस्यों की भूमिका होगी। हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज इस समिति की अध्यक्षता करेंगे, जो नियुक्ति प्रक्रिया को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाए रखने में अहम भूमिका निभाएंगे।
सरकार का उद्देश्य
इस नियमावली का उद्देश्य प्रदेश में पुलिस की कार्यक्षमता को मजबूत करना और प्रशासनिक ढांचे में स्थिरता लाना है। इससे डीजीपी की नियुक्ति में राजनीतिक हस्तक्षेप कम होगा और कानून व्यवस्था के सुधार में एक सकारात्मक बदलाव आएगा।
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मनोज शुक्ल
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