लखनऊ। केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने पांच सौ और एक हजार के नोटबन्दी का फैसला केन्द्र सरकार का कालेधन के खिलाफ खुली जंग है।
उन्होंने कहा कि जाली नोटों के द्वारा माओवाद, नक्सलवाद और आतंकवाद को जो मदद मिलती थी, उसकी कमर टूट गयी है। उन्होंने कहा कि इन सभी लोगों को होने वाली मनी फंडिंग और मनी सप्लाई का स्रोत जल्दी ही समाप्त हो जाएगा।
श्री सिंह शुक्रवार को रेलवे के एकसमारोह में शामिल होने के बाद संवाददाताओं से वार्ता कर रहे थे। उन्होंने बताया कि केन्द्र सरकार का श्नो
टबन्दी का लिया गया फैसला एतिहासिक, साहसिक और गरीबों के लिए लिया गया है। उन्होंने बताया कि नोटबन्दी के फैसले से अमीर और गरीब के बीच की खाई को कम करने का सुअवसर मिलेगा।
उन्होंने कहा कि नोटबन्दी के फैसले की सर्वत्र सराहना की जा रही है। कश्मीर में होने वाली आतंकवादी घटनाओं के बारे में श्री सिंह ने बताया 1980 से आतंकवादी घटनाएं हो रही है। भारतीय सेना पर भरोसा रखें। भारतीय सेना ने हमेशा भारत का मस्तक ऊंचा रखा है और रहेगा।
नोटबन्दी को लेकर जनता को होने वाली कठिनाइयों के बारे में पूछे जाने पर श्री सिंह ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पहले ही पचास दिन का समय मांगा है।
उन्होंने कहा कि जिन लोगों को कठिनाई हो रही है उसकी केन्द्र सरकार चिन्ता है और उसमें सुधार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पचास दिन का समय प्रधानमंत्री ने मांगा तब तक जनता को कुछ परेशानी हो सकती है, जिसके बारे में पचास दिन पूरे होने के बाद शिकायत करने का पूरा हक है।
नए नोटों का डुप्लीकेट नोट बाजार में आने के बारे में श्री सिंह ने बताया कि वर्तमान समय में फर्जी नोटों के खिलाफ जो कार्रवाई हो रही है उसके कारण लोग पकड़े जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि फर्जी नोटों के कारोबारियों पर पैनी नजर रखी जा रही है।