Sunday , January 5 2025
75% गांवों में सिर्फ कागजों में ही संचालित हो रहा पंचायत भवन व सामुदायिक शौचालय

नौतनवां में दम तोड़ रहा सामुदायिक शौचालय व पंचायत भवन का संचालन, जिम्मेदार मौन!

महराजगंज। नौतनवां ब्लाक क्षेत्र में कुल 97 ग्राम पंचायतें हैं। करीब हर ग्राम पंचायतों में शासन द्वारा पंचायत भवन व सामुदायिक शौचालय का निर्माण करवाया गया है। ऐसे में ब्लाक क्षेत्र के सभी ग्राम पंचायतों में सरकार का महत्वकांक्षी योजना सामुदायिक शौचालय व पंचायत भवन महज कागजों में ही संचालित हो रहा है तथा धरातल पर हमेशा ताला लटका ही रहता है।

जिम्मेदारों के उदासीनता के कारण ग्राम पंचायतों में स्थित सामुदायिक शौचालय व पंचायत भवन में हमेशा ताला लगा होने से शासन का यह योजना महज बेकार साबित हो रहा है। ब्लाक क्षेत्र के करीब 75 प्रतिशत गांवों में सामुदायिक शौचालय व पंचायत भवन में ताला लगा होने से ग्रामीणों के प्रयोग में नहीं है। सामुदायिक शौचालय पर तैनात स्वयं सहायता समूह की महिलाएं घर बैठे उच्चाधिकारियों को गुमराह करते हुए मानदेय ले रही हैं।

वहीं गांवों में स्थित पंचायत भवन का भी यही हाल है। गांव के पंचायत भवनों को हाईटेक बनाकर ग्रामीणों को सारी सुविधाएं गांव में ही मुहैया हो इसको लेकर शासन द्वारा प्रत्येक गांव में पंचायत भवन (मिनी सचिवालय) का निर्माण करवाया गया तथा उसके संचालन के लिए पंचायत सहायक की नियुक्ति कर उन्हें प्रतिमाह मानदेय दिए जाने लगा लेकिन यहां भी स्थानीय अधिकारियों व अन्य जिम्मेदारों के शिथिलता के कारण शासन की यह मंशा धरातल पर दम तोड़ रही है।

वहीं पंचायत भवन में स्थित सभी उपकरण देख-रेख के आभाव में धूल फांक रहे हैं। स्थानीय कुछ लोगों का कहना है कि जब से पंचायत भवन व सामुदायिक शौचालय का निर्माण हुआ है तब से कोई अधिकारी व कर्मचारी जांच-पड़ताल के नीयत से गांव में नहीं आए जिसके कारण गांवों में सरकारी योजनाओं का कत्लेआम कर दिया गया। इसके साथ ही पूर्व में मुख्य विकास अधिकारी के निर्देशन में खण्ड विकास अधिकारी द्वारा एक रोस्टर तैयार किया गया था जिसमें यह निर्धारित किया गया था की सप्ताह में एक दिन सेक्रेटरी अपने-अपने गांवों के पंचायत भवन में ड्यूटी करेंगे तथा वहां रहकर ग्रामीणों के सम्बंधित मामलों का निस्तारण करेंगे।

लेकिन यहां अधिकारियों के आदेश का भी परवाह नहीं किया गया। ऐसे में अगर समय-समय पर अधिकारियों द्वारा गांव में पहुंचकर जांच-पड़ताल किया गया होता तो शायद सरकार का यह योजना ग्रामीणों के प्रयोग में रहा होता। इस संबंध में मुख्य विकास अधिकारी अनुराज जैन का कहना है कि विकास कार्यों को बेहतर ढंग से संचालित करने के लिए ग्राम पंचायत सचिवों को जिम्मेदारी सौंपी गई है, अगर योजनाओं का सही ढंग से संचालित नहीं किया जा रहा है तो जांच कर कार्यवाही की जाएगी।

also read:अखिलेश यादव ने यूपी उपचुनाव के लिए नया नारा दिया!

E-Paper

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com