प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पीसीएस-जे 2018 बैच की अभ्यर्थी जाह्नवी के पक्ष में ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए उन्हें नियुक्ति का आदेश दिया है।
लोक सेवा आयोग की गलती के कारण जाह्नवी चयन से वंचित रह गई थीं, लेकिन 5 साल बाद उन्हें न्याय मिला है।
जाह्नवी को 475 अंक मिलने चाहिए थे, लेकिन आयोग की गलती से उन्हें 473 अंक दिए गए, जिससे उनका चयन नहीं हो सका। जाह्नवी ने RTI के माध्यम से इस गड़बड़ी का खुलासा किया और इसे अदालत में चुनौती दी।
हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई के बाद लोक सेवा आयोग को निर्देश दिया कि जाह्नवी को एक रिक्त पद पर तुरंत नियुक्त किया जाए।
इस फैसले ने न केवल जाह्नवी को उनका हक दिलाया है, बल्कि पीसीएस-जे 2022 की परीक्षा में सामने आए विवादों पर भी सवाल खड़े किए हैं। आयोग की प्रक्रियाओं में गड़बड़ी से जुड़े मामलों पर अब कड़ी निगरानी की आवश्यकता जताई जा रही है।
हाईकोर्ट के इस फैसले को न्याय और पारदर्शिता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। यह मामला उन सैकड़ों अभ्यर्थियों के लिए प्रेरणा बन सकता है, जो चयन प्रक्रियाओं में गड़बड़ी के कारण न्याय की प्रतीक्षा कर रहे हैं।
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