Tuesday , May 13 2025
पेयजल जलसंकट पर ग्रामीणों का प्रदर्शन, राजापाकड़ में सूखे नलों ने बढ़ाई परेशानी

सूखे नलों ने बढ़ाई टेंशन, राजापाकड़ में फूटा ग्रामीणों का गुस्सा

पेयजल जलसंकट पर ग्रामीणों का प्रदर्शन मंगलवार को कुशीनगर जनपद के तमकुहीराज ब्लॉक स्थित राजापाकड़ गांव में देखने को मिला। महीनों से सूखे पड़े नलों और विभागीय अनदेखी से तंग आकर ग्रामीणों ने शिवमंदिर परिसर में प्रदर्शन कर सरकार और प्रशासन को चेतावनी दी कि अगर अविलंब जलापूर्ति बहाल नहीं हुई, तो बड़ा जनांदोलन खड़ा किया जाएगा।

राजापाकड़ समेत सेमरा हर्दोपट्टी, तारविशुनपुर और खलवापट्टी सहित चार ग्राम पंचायतों की करीब 18 हजार आबादी साल भर से बूंद-बूंद पानी को तरस रही है। वर्ष 2014-15 में इन गांवों की पेयजल समस्या के समाधान हेतु 2.86 करोड़ रुपये की लागत से 4.5 किलोलीटर क्षमता वाला ओवरहेड टैंक बनाया गया था, जिससे करीब 30 किलोमीटर लंबी पाइपलाइन के जरिए जलापूर्ति की जाती थी।

लेकिन बीते एक साल से यह पूरी योजना ठप पड़ी है। पोखरा के किनारे से गुजर रही पाइपलाइन की मिट्टी को मछलियों द्वारा काट दिए जाने से राजापाकड़ की लाइन पूरी तरह ध्वस्त हो गई है। शेष ग्राम पंचायतों में भी वाल्व खराब होने के कारण पानी की आपूर्ति बेहद अनियमित हो गई है।

प्रदर्शनकारियों में दिनेश्वर यादव, राजनारायण उर्फ चुन्नू मिश्र, डॉ. विजय श्रीवास्तव, हरेंद्र यादव, पप्पू यादव समेत अन्य लोगों ने स्पष्ट कहा कि अब और इंतजार नहीं होगा। यदि जलापूर्ति बहाल नहीं हुई, तो आंदोलन होगा और इसके जिम्मेदार शासन और प्रशासन होंगे।

इस गंभीर स्थिति के बीच जलनिगम के अवर अभियंता हर्ष भट्ट ने बताया कि पोखरा को मनरेगा से भरवाने की योजना बनाई गई है। बुधवार को स्थलीय निरीक्षण कर स्थायी समाधान की कोशिश की जाएगी। उन्होंने भरोसा दिलाया कि जल्द जलापूर्ति बहाल होगी।

हालांकि, ग्रामीणों का साफ कहना है कि अब उन्हें सिर्फ आश्वासन नहीं, ठोस कार्रवाई चाहिए। उनका यह आक्रोश इस बात का संकेत है कि यदि जिम्मेदार तंत्र ने समय रहते कदम नहीं उठाया, तो यह पेयजल संकट व्यापक जनविरोध में बदल सकता है।

पेयजल जलसंकट पर ग्रामीणों का प्रदर्शन यह दर्शाता है कि योजनाएं केवल कागज पर ही नहीं, ज़मीन पर भी ईमानदारी से लागू होनी चाहिए। वरना टंकी बनी रह जाएगी और नल सूखे रहेंगे।

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