लखनऊ, 21 अप्रैल। फुले फिल्म विरोध प्रदर्शन को लेकर आम आदमी पार्टी (AAP) के कार्यकर्ताओं को पुलिस ने प्रदर्शन से पहले ही हिरासत में ले लिया। यह कार्रवाई राजधानी लखनऊ के हज़रतगंज क्षेत्र में स्थित गांधी प्रतिमा (GPO) पर की गई, जहां कार्यकर्ता दोपहर 2 बजे विरोध प्रदर्शन करने वाले थे।
फुले फिल्म, जो कि समाज सुधारक ज्योतिबा फुले और सावित्रीबाई फुले के जीवन पर आधारित है, को सेंसर बोर्ड द्वारा रिलीज़ की अनुमति नहीं दी गई। आम आदमी पार्टी का आरोप है कि यह निर्णय केंद्र सरकार के इशारे पर लिया गया है, जो कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर सीधा हमला है।
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इसी के विरोध में AAP ने प्रदेश स्तर पर प्रदर्शन की घोषणा की थी। लेकिन इससे पहले ही बड़ी संख्या में पहुंचे कार्यकर्ताओं को पुलिस ने हिरासत में लेकर लखनऊ के आलमबाग स्थित इको गार्डन (अस्थाई धरना स्थल) भेज दिया।

प्रदर्शन के लिए जुटे कार्यकर्ताओं का कहना था कि यह सिर्फ एक फिल्म नहीं, बल्कि समाज सुधारकों के योगदान को जन-जन तक पहुंचाने का माध्यम है। उनका आरोप था कि सेंसर बोर्ड द्वारा फिल्म को रोके जाने के पीछे सरकार की दलित विरोधी मानसिकता झलकती है।
AAP नेताओं ने मीडिया से बातचीत में कहा कि वे इस मुद्दे पर शांतिपूर्ण आंदोलन जारी रखेंगे और फिल्म को रिलीज़ कराने के लिए न्यायिक लड़ाई भी लड़ने को तैयार हैं।

स्थानीय पुलिस अधिकारियों ने बताया कि यह कदम कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए उठाया गया। हालांकि हिरासत में लिए गए कार्यकर्ताओं के खिलाफ कोई गंभीर धाराएं नहीं लगाई गई हैं, और उन्हें प्रदर्शन समाप्त होने के बाद रिहा कर दिया जाएगा।
फुले फिल्म विरोध प्रदर्शन के बहाने एक बार फिर सेंसर बोर्ड की स्वतंत्रता, केंद्र सरकार की भूमिका और अभिव्यक्ति की आज़ादी जैसे मुद्दे चर्चा के केंद्र में आ गए हैं।