नई दिल्ली। 13 दिसंबर 2001 की तारीख को कोई नहीं भुला सकता है क्योंकि इस दिन भारतीय लोकतंत्र एक बड़ा हमला था। यह हमला उस वक्त हुआ था जब संसद चल रही थी संसद पर हुए हमले की 15वीं बरसी है।
PM नरेंद्र मोदी और उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी के साथ पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, BJP के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, गृहमंत्री राजनाथ सिंह, अरूण जेटली, गुलाम नबी आजाद और आनंद शर्मा ने भी शहीदों को श्रद्धांजलि दी।
13 दिसंबर 2001 की तारीख वक्त था सुबह 11 बजकर 20 मिनट जब आतंकियों का सामना करते हुए दिल्ली पुलिस, सीआरपीएफ, संसद के दो गार्ड सहित 8 जवान शहीद हुए और 16 जवान घायल हुए। संसद भवन पर कोई आंच न आए, इसलिए उन्होंने अपनी जान की बाजी लगा दी और सभी आतंकियों को मार गिराया।
हमले की साजिश रचने वाले मुख्य आरोपी अफजल गुरु को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया। संसद पर हमले की साजिश रचने के आरोप में सुप्रीम कोर्ट ने 4 अगस्त, 2005 को उसे फांसी की सजा सुनाई थी। और 9 फरवरी, 2013 को अफजल गुरु को दिल्ली की तिहाड़ जेल में फांसी पर लटका दिया गया।