लखनऊ । बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमों मायावती ने कहा है कि केन्द्र सरकार के नोटबंदी के फैसले ने अधिकांश जनता को एक प्रकार से भिखारी ही बनाकर रख दिया है।
इसके विपरीत अपने कालेधन को सफेद बनाने की जुगाड़ में लगे मुटठी भर लोगों के जो संगीन मामले प्रकाश में आ रहे हैं, उनमें से ज्यादातर लोग भाजपा एण्ड कम्पनी से ही सम्बद्ध हैं, जिससे इनकी काफी फज़ीहत हो रही है और आमजनता में इनके खिलाफ रोष व आक्रोश काफी ज्यादा बढ़ा है।
मायावती ने गुरुवार को कहा कि उनकी पार्टी की प्रधानमंत्री मोदी सरकार से मांग है कि देश में अब तक जो भी कालाधन जब्त होकर सरकारी खजाने में आया है उसे जल्द से जल्द गरीबों और मजदूरों में बांट दिया जाये ताकि रोजी-रोटी के अभाव में उनके परिवार को भूखमरी से बचाया जा सके।उन्होंने कहा कि इसके साथ ही, केन्द्र सरकार द्वारा किसानों का कर्जा तत्काल माफ कर दिया जाना चाहिये, क्योंकि नोटबन्दी के कारण इस बार किसान अपने खेतों में बुआई तक नहीं कर पाया है तथा उसकी उपजी हुई फसल का खरीदार नहीं होने के कारण उसे उसकी लागत कीमत तक भी नहीं मिल पा रही है।
बसपा मुखिया ने कहा कि केन्द्र में भाजपा व प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार को बने हुये अब लगभग ढाई वर्ष हो गये हैं और इस अवधि में, इन्होंने अपने लोकसभा चुनावी वायदों का अभी तक ‘‘एक चौथाई हिस्सा’’ भी कार्य पूरा नहीं किया है, जिसकी खास वजह से ही उत्तर प्रदेश सहित पूरे देश की जनता में जबरदस्त नाराजगी व आक्रोश व्याप्त है, जिससे जनता का ध्यान बांटने के लिये फिर केन्द्र सरकार ने बहुत जल्दबाजी में, बिना पूरी तैयारी के ही यह नोटबन्दी का फैसला लिया है और इसका मुख्य कारण देश में, उत्तर प्रदेश व अन्य कुछ और राज्यों में भी जल्दी ही होने वाले विधानसभा आमचुनाव हैं।
बसपा अध्यक्ष ने कहा कि वास्तव में अपने नोटबन्दी के इस फैसले के जाल में खुद ही उलझते जाने के कारण प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार और भाजपा अब विपक्षी पार्टियों के खिलाफ नये-नये हथकण्डे इस्तेमाल कर रही है, जिसके तहत् अभी हाल ही में, एक चैनल के माध्यम से एक स्टिंग आपरेशन को भी मैनेज कराया गया है। जो अति निन्दनीय के साथ-साथ इनकी कमजोरी को भी दर्शाता है।