लखनऊ । प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने उनके सम्बन्ध में संसदीय कार्य और नगर विकास मंत्री मोहम्मद आजम खां द्वारा दिये बयानों को अमर्यादित और दायित्वहीन बताते हुए मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से इसे तत्काल संज्ञान में लेने के लिए कहा है।
राज्यपाल ने मुख्यमंत्री को दो पन्ने के लिखे खत में कडा एतराज जताते हुए श्री खां के बयानों को असंवैधानिक, अमर्यादित और दायित्वहीन तक बता डाला है।
उन्होंने लिखा “ संसदीय कार्यमंत्री मोहम्मद आजम खां ने नौ दिसम्बर को सार्वजनिक रुप से मेरे विरुद्ध इस आशय को बयान दिया कि मेरे द्वारा राजभवन में अपराधियों, डकैतों, गुण्डों तथा हिस्ट्रीशीटरों को सरंक्षण और आश्रय दिया जा रहा है।”
पत्र में लिखा है “ मोहम्मद आजम खां ने रामपुर की जिला कांग्रेस कमेटी के महामंत्री फैसल खान लाला द्वारा राजभवन में मुझसे की गयी मुलाकात का उल्लेख करते हुए मुझ पर दोषारोपण किया है।”
नाईक ने मुख्यमंत्री को लिखा है “ राजभवन में मुझसे मिलने के लिए सामान्य नागरिक के अलावा राजनीतिक दलों के लोग समय-समय पर आते रहते हैं और उसी क्रम में जिला कांग्रेस कमेटी, रामपुर के महामंत्री फैसल खान लाला की मुझसे की गयी मुलाकात सामान्य शिष्टता, मेरे संवैधानिक तथा पदीय दायित्वों के विपरीत होना कदापि नहीं कही जा सकती है।”
राज्यपाल ने लिखा “ लोगों को सुनना और यदि उनके द्वारा मुझे कोई प्रत्यावेदन आदि दिया जाता है तो उस पर विधि अनुसार समुचित कार्यवाही किये जाने के लिए राज्य सरकार अथवा सम्बन्धित अधिकारी को मेरे द्वारा प्रेषित किया जाना संविधान और विधि की दृष्टि से मेरे कर्तव्य की परिधि में आता है।
राज्यपाल होने के कारण राज्य सरकार के किसी भी मंत्री को मेरे विरुद्ध सार्वजनिक रुप से उपरोक्त आशय का सर्वथा अमर्यादित एवं अपमानजनक बयान देने का कोई भी संवैधानिक, विधिक अथवा नैतिक अधिकार नहीं है।”
उन्होने कहा कि आजम खां द्वारा उनके खिलाफ सार्वजनिक रुप से दिये गये बयान को आपके संज्ञान में लाना जरूरी है कि मंत्रिमंडल के किसी मंत्री द्वारा लिया गया निर्णय, कृत कार्यवाही अथवा सार्वजनिक रुप से दिया गया बयान आदि मंत्रिमंडल के ‘सामूहिक उत्तरदायित्व’ के दायरे में आता है।
पूर्व में भी मंत्री मोहम्मद आजम खां द्वारा उनके विरुद्ध सार्वजनिक रुप से दिये जाते रहे बयानों की ओर मरे द्वारा आपका ध्यान आकर्षित किया जाता रहा है।
इससे ऐसा प्रतीत होता है कि मंत्री ने मेरे प्रति अपने व्यवहार में सुधार नहीं लाया गया है। इसलिये उक्त मंत्री का उपरोक्त आशय का नितान्त असंवैधानिक, अमर्यादित और दायित्वहीन आचरण आपके लिए भी चिन्ता का विषय होना चाहिए।
नाईक ने अपने पत्र के साथ लखनऊ से प्रकाशित प्रतिष्ठित अखबारों के 10 दिसम्बर के अंक की फोटोकापी भी संलग्न करते हुये अपेक्षा की है कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव अपने मंत्री आजम खां के खिलाफ जरूरी कार्रवाई करें।