भाजपा विधायक अनिल सिंह, एमएलसी विक्रांत सिंह की शिकायतों को भी रद्दी की टोकरी में डाला
लखनऊ। उत्तर प्रदेश का लोक निर्माण विभाग सामान्य नागरिक ही नहीं, सत्तारूढ़ दल के विधायकों के शिकायती पत्रों पर जांच और कार्रवाई करने को तैयार नहीं। पुरवा (उन्नाव) से विधायक अनिल सिंह और स्थानीय निकाय कोटे के एमएलसी विक्रांत सिंह ने पीडब्ल्यूडी में व्यापक भ्रष्टाचार, एक पद पर लंबे समय से कर्मचारियों के जमे होने की शिकायत की। फिर रिमाइंडर भेजा। बावजूद इसके कोई कार्रवाई नहीं हुई। अपने से वरिष्ठ को पीछे धकेलकर प्रमुख अभियंता (विकास) पवार ने चुप्पी साध रखी है। विभागाध्यक्ष का पद संभालने के बाद भी उन्होने राजकीय निर्माण निगम के प्रबंध निदेशक का पद नहीं छोड़ा है।
लिपिकों और इंजीनियरों का सिंडीकेट बनाकर करोड़ों की वसूली का लगाया आरोप

पुरवा के भाजपा विधायक अनिल सिंह ने एक अगस्त को लोक निर्माण विभाग के प्रमुख सचिव अजय चौहान को लिखे पत्र में कहा था कि बिरेन्द्र यादव, ओम प्रकाश और वीरेन्द्र कुमार यादव वर्ष 2003 से ही व्यवस्थापन ( सहायक अभियंता) वर्ग और बजट, कोष के वर्गो में तैनात है। इन लोगों 21 सालों से एक ही पटल पर कार्य योगी आदित्यनाथ सरकार की जीरो टालरेंस नीति का उल्लंघन है। उन्होंने लिपिकों ने ठेकेदारों और पीडब्ल्यूडी के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ सिंडीकेट चला रखा है। इन्हीं के भ्रष्टाचार के चलते प्रमुख अभियंता (विकास) विभागाध्यक्ष को निलंबित किया गया।
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इस जांच में ये दोनों भी दोषी पाये गये थे परन्तु प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की। पांच बिन्दु के पत्र में आरोपों का जिक्र किया गया। सबसे बड़ी बात यह है शिकायतें जिस तरह से की गई, वह तथ्यों की करीब प्रतीत होती है। इस पत्र के कुछ दिनों बाद ही आजमगढ़-मऊ से स्थानीय निकाय के भाजपा एमएलसी विक्रांत सिंह ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भेजे शिकायती पत्र में इन तीनों लिपिकों पर आरोप लगाया गया कि इन्होंने उत्तर प्रदेश के ढेरों को इंजीनियरों और ठेकेदारों के साथ साठगांठ कर रखा है। कम्पनियों को ब्लैकलिस्ट से हटाने, ब्लैक लिस्ट में डालने का भी अवैध गोरखधंधा किया जा रहा है। यही नही ठेकेदारों की श्रेणी बढ़ाने के लिये भी अवैध वसूली चल रही है।
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इन लिपिकों पर टेंडर पूल कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का आरोप लगाया गया। इन दो विधायकों के अतिरिक्त कई विहेस्ल ब्लोअर ने भी पीड्ल्यूडी के इस गोरखधंधे की संलिप्तता की शिकायत की गयी लेकिन अधिकारियों ने शिकायतों पर कोई कार्रवाई नहीं की। एमएलसी विक्रांत सिंह ने तो यह भी आरोप लगाया कि संविदा पर कार्यरत कर्मचारियों से वसूली भी की जा रही है। रिश्तेदारों व सजातीय लोगों को सेवा में रखने के लिए दूसरे संविदा कर्मियों को प्रताडित भी किया जा रहा है।
विधायकों व राजनीतिक दलों के पदाधिकारियों की ओर से की गई शिकायत के बाद भी पीडब्लूडी के अधिकारियों ने इस दिशा में अब तक कोई कदम नहीं उठाया है। कांग्रेस से प्रवक्ता अमरनाथ अग्रवाल का कहना है लोकनिर्माण विभाग सफेद हाथी बनता जा रहा है। दोषियों को संरक्षण इस विभाग का पुराना शगल है।