रायबरेली । जिला कारागार में एक कैदी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। शुक्रवार को वारिस नाम के कैदी का शव जेल परिसर के अंदर नीम के पेड़ से लटकता मिला।
यह घटना जेल प्रशासन की बड़ी चूक को उजागर करती है, जिसमें तीसरी आंख की निगरानी में भी कैदी की मौत हो गई।
इस घटना ने जेल प्रशासन और जिला प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं। यह घटना यह भी दर्शाती है कि जेल में कैदियों की सुरक्षा के लिए पर्याप्त व्यवस्था नहीं है।
शहर कोतवाली क्षेत्र के जिला कारागार का मामला है।
संदिग्ध परिस्थितियों में जिला जेल में बंदी की मौत से जहां सनसनी फैली हुई है वहीं पर कैदियों का कहना है कि अब तो कैदियों के लिए जेल भी सुरक्षित नहीं रह गई।
शुक्रवार को वारिस नाम के बन्दी का फाँसी के फंदे से लटकता शव मिलने से सनसनी फैल हुई है। जेल प्रशासन की तीसरी आंख की निगरानी की खुली पोल खोल कर रख दिया।
जेल परिसर में सुरक्षा व्यवस्था के बीच फांसी के फंदे लटकता शव मिलने से गंभीर सवाल खड़े कर रहा है। जेल प्रशासन ने मीडिया के सामने साधी चुप्पी साध ली है। जिला जेल में फांसी की घटना से खलबली मच गई है।
बताते हैं कि जेल परिसर के अंदर नीम के पेड़ से लटकता मिला बंदी का शव मिला है। जेल परिसर के अंदर अस्पताल के पीछे बागवानी ग्राऊंड में मिला शव।
डीपी एक्ट में विचाराधीन था अमेठी ज़िले के मोहनगंज का रहने वाला वारिसडीपी एक्ट में विचाराधीन था अमेठी ज़िले के मोहनगंज का रहने वाला वारिस नाम का कैदी है।
रिपोर्ट: बी.पी सिंह
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