लखनऊ चरक अस्पताल में तीमारदारों ने हंगामा किया जब उन्हें पता चला कि उनके रिश्तेदार, विशाल पांडेय, जो डेंगू का इलाज करा रहे थे, की मौत हो चुकी है। परिजनों का आरोप है कि अस्पताल प्रबंधन ने उन्हें मरीज से मिलने नहीं दिया, जिससे उन्हें बिना जानकारी के ही पांच दिन तक इंतजार करना पड़ा।
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जब परिजन जबरन वार्ड में घुसे, तब उन्हें विशाल का शव मिला, जिससे शव से दुर्गंध आ रही थी। परिजनों का कहना है कि अस्पताल ने इलाज के नाम पर उनसे 5 लाख रुपये लिए थे, लेकिन उचित इलाज नहीं किया गया।
इस घटना से अस्पताल के प्रबंधन पर सवाल उठ रहे हैं और परिजनों ने आरोप लगाया है कि उनके साथ अन्याय हुआ है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और अस्पताल प्रबंधन से स्पष्टीकरण मांगा है। यह मामला स्वास्थ्य व्यवस्था की गंभीरता पर सवाल उठाता है, खासकर ऐसे समय में जब अस्पतालों में मरीजों की देखभाल को लेकर सतर्कता जरूरी है।
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