क्या होती है एमसीएलआर: आपको बता दें कि एमसीएलआर वो न्यूनतम दर होती है जिसके नीचे की दर पर कोई भी वाणिज्यिक (कमर्शियल) बैंक अपने ग्राहकों को कर्ज नहीं दे सकता है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने साल 2016 के अप्रैल महीने में एमसीएलआर को सामने रखा था, जिसका उद्देश्य वाणिज्यिक बैंकों को लिए एक निर्देश देना था ताकि वो अपनी लेंडिंग रेट्स का निर्धारण कर सकें।
दरों में कितना हुआ बदलाव: अगर दरों में संशोधन की बात की जाए तो एसबीआई ने हर अवधि की एमसीएलआर में 10 बेसिस प्वाइंट का इजाफा किया है। एक रात के लिए लिए जाने वाले लोन पर एमसीएलआर बढ़कर 7.9 फीसद हो गई है, यह नई दर शुक्रवार से ही लागू हो चुकी है। वहीं एक महीने की एमसीएलआर 10 बेसिस प्वाइंट के इजाफे के साथ 7.9 हो गई है। वहीं तीन महीने के लिए एमसीएलआर बढ़कर 7.95 फीसद हो गई है। वहीं स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने 6 महीने की एमसीएलआर को बढ़ाकर 8.1 फीसद कर दिया है। ठीक इसी तरह एक साल की एमसीएलआर, दो साल और तीन साल के लिए एमसीएलआर क्रमश: 8.25 फीसद, 8.35 फीसद और 8.45 फीसद हो गई है।
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