लखनऊ। सरकारी राशन की दुकानों का निलंबन एसडीएम नहीं कर सकेंगे। दुकानों के निलम्बन का अधिकार अब जिलाधिकारी के पास होगा। फिलहाल एसडीएम इसकी संस्तुति कर सकेंगे। शासन ने इसके लिए आदेश जारी कर दिए हैं। प्रदेश की नई सरकार ने कई नियमों में फेरबदल किया है।
इनमें से गांवों में सरकारी राशन की दुकानों के निलंबन का मामला भी शामिल है। राजधानी में सरकारी राशन की 1207 दुकानें हैं, जिसमें से 525 राशन दुकानें ग्रामीण क्षेत्र में हैं। इन दुकानों पर सार्वजनिक वितरण के तहत राशन कार्डधारकों को सस्ती दरों पर राशन उपलब्ध कराया जाता है।
अक्सर राशन विक्रेताओं पर सामग्री वितरण में मनमानी और घटतौली के आरोप लगते रहे हैं। इसकी शिकायतें तहसील दिवसों व अन्य माध्यमों से ग्रामीणों द्वारा की जाती रही हैं। जांच के बाद अनियमितता की शिकायत सही पाए जाने पर राशन विक्रेता का निलंबन कर दिया जाता है।
निलंबन का यह अधिकार अभी तक सम्बंधित तहसीलों के एसडीएम के पास था, लेकिन अब शासन ने पारदर्शिता लाने के लिए इस नियम में बदलाव किया है। नए नियमों के तहत राशन विक्रेता पर अनियमितता के आरोपों की जांच एसडीएम कर सकेंगे, लेकिन वह निलंबन नहीं कर पाएंगे। एसडीएम द्वारा भेजी गई रिपोर्ट के आधार पर जिलाधिकारी उक्त राशन विक्रेता को निलंबित करेंगे। इस संबंध में शासन से मंडलायुक्त और डीएम को आदेश जारी कर दिए गए हैं।