लखनऊ। सेना के नाम पर वोट बैंक की राजनीति को लेकर सियासी बयानबाज़ी तेज़ हो गई है। लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुनील सिंह ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर तीखा हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि भाजपा केवल राजनीतिक लाभ के लिए सेना के नाम का उपयोग कर रही है।
उन्होंने कहा कि भाजपा द्वारा आयोजित की जा रही “शौर्य तिरंगा यात्रा” का उद्देश्य केवल जनता की भावनाओं को भुनाना है। सुनील सिंह ने साफ शब्दों में कहा कि “देश की सेना हमारी राष्ट्रीय संपत्ति है, न कि किसी एक राजनीतिक पार्टी की प्रचार सामग्री। सेना का राजनीतिकरण करना लोकतंत्र और देश की सुरक्षा, दोनों के लिए खतरनाक है।”
लोकदल अध्यक्ष ने केंद्र सरकार से सवाल किया कि क्या शौर्य यात्रा के पीछे कोई सैन्य नीति है या यह सिर्फ चुनावी लाभ के लिए किया जा रहा आयोजन है। उन्होंने कहा कि यदि सचमुच सैनिकों के सम्मान की भावना है, तो रिटायर्ड जवानों की पेंशन और सुविधाओं में सुधार करें, वन रैंक वन पेंशन की विसंगतियों को दूर करें।
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सुनील सिंह ने यह भी मांग की कि सेना को राजनीतिक विमर्श से अलग रखा जाए और उसे एक सम्मानजनक एवं निष्पक्ष संस्था के रूप में ही देखा जाए। उन्होंने कहा, “सैनिक देश के लिए शहीद होते हैं, न कि किसी पार्टी के पोस्टर पर जगह पाने के लिए।”
भाजपा की तरफ से अभी तक इस बयान पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। लेकिन यह तय है कि सेना के नाम पर वोट बैंक की यह बहस आगामी चुनावों में एक बड़ा मुद्दा बन सकती है।
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