लखनऊ। इजराइल के हमले में हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह की मौत के विरोध में लखनऊ के शिया मुस्लिम समुदाय ने शुक्रवार को जुमा नमाज के बाद जोरदार प्रदर्शन किया। इमामबाड़ा इलाके में भारी पुलिस बल तैनात रहा, वहीं आसिफी मस्जिद के बाहर कड़ी सुरक्षा के बीच श्रद्धांजलि दी गई और कैंडल मार्च निकाला गया।
प्रदर्शनकारियों ने इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू का पोस्टर जलाकर विरोध जताया और इजराइल के खिलाफ नारे लगाए। मौलाना कल्बे जव्वाद ने हसन नसरल्लाह को आतंकी कहने की निंदा करते हुए कहा, “हसन नसरल्लाह ने हमेशा कमजोरों का साथ दिया और आतंकवाद से उनका कोई संबंध नहीं था। इजराइल ने धोखे से उनकी हत्या की है।”
यह भी पढ़ें: मायावती का सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर बयान: जातिवाद के खिलाफ आवाज़
हसन नसरल्लाह की भारत के प्रति मदद
मौलाना कल्बे जव्वाद ने हसन नसरल्लाह के अच्छे कार्यों का उल्लेख करते हुए कहा कि 2015 में उन्होंने भारत की 45 नर्सों को सीरिया से सुरक्षित बाहर निकालने में मदद की थी। उन्होंने भारत की विदेश नीति में बदलाव पर चिंता जताते हुए कहा कि मोदी सरकार को इस पर पुनर्विचार करना चाहिए और हमेशा पीड़ितों का साथ देना चाहिए, जैसा कि भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने किया था।
शहर में विरोध मार्च और कैंडल मार्च
छोटे इमामबाड़ा से लेकर बड़े इमामबाड़ा तक निकाले गए विरोध मार्च में हजारों की संख्या में शिया समुदाय के लोग शामिल हुए। प्रदर्शनकारियों ने हसन नसरल्लाह की तस्वीरें हाथों में लेकर उनके समर्थन में नारे लगाए और मौत के दिन को ब्लैक डे घोषित किया।